झाझा के चितोचक विद्यालय में हर्षोल्लास के साथ मना बिहार दिवस

KK Sagar
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झाझा, चितोचक | 22 मार्च 2025: पूरे बिहार में बिहार दिवस 2025 का आयोजन धूमधाम से किया गया। इसी क्रम में झाझा प्रखंड के चितोचक विद्यालय में भी भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर बिहार के गौरवशाली इतिहास को याद किया और उज्ज्वल भविष्य का संकल्प लिया।

बच्चों ने निकाली प्रभात फेरी, लगाए गगनभेदी नारे

बिहार दिवस के अवसर पर चितोचक विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। बच्चों ने “जन-जन का नारा है, अपना बिहार सबसे प्यारा है” जैसे उत्साहवर्धक नारों से वातावरण को बिहारमय बना दिया। प्रभात फेरी के दौरान शिक्षकों ने भी छात्रों का उत्साहवर्धन किया और बिहार की समृद्ध संस्कृति व ऐतिहासिक विरासत पर प्रकाश डाला।

बिहार दिवस 2025: “उन्नत बिहार, विकसित बिहार”

इस वर्ष बिहार दिवस 2025 की थीम “उन्नत बिहार, विकसित बिहार” रखी गई है। इस थीम के तहत बिहार के विभिन्न शहरों जैसे पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, प्रदर्शनी और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने वाले इवेंट्स प्रमुख रहे। राज्य सरकार ने इस मौके पर शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने वाली कई योजनाओं की घोषणा की।

22 मार्च 1912: जब बिहार बना एक स्वतंत्र राज्य

बिहार को राज्य का दर्जा 22 मार्च 1912 को मिला, जब यह बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग होकर एक स्वतंत्र प्रांत बना। इससे पहले बिहार बंगाल प्रांत का हिस्सा था, लेकिन प्रशासनिक सुविधा के लिए इसे अलग राज्य के रूप में स्थापित किया गया। बिहार के गठन के समय इसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि आधारित थी, और शिक्षा व उद्योग की ओर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया जाता था। लेकिन आज बिहार शिक्षा, तकनीक और उद्योगों में तेजी से प्रगति कर रहा है।

बिहार: समृद्ध विरासत और ऐतिहासिक पहचान

बिहार न केवल बुद्ध और महावीर की भूमि है, बल्कि यह आर्यभट्ट, चाणक्य, गुरु गोविंद सिंह और सम्राट अशोक जैसी महान विभूतियों की कर्मभूमि भी रहा है।

यह वही बिहार है जहां महात्मा बुद्ध को बोधगया में ज्ञान प्राप्त हुआ, जहां भगवान महावीर ने अंतिम उपदेश दिया और जहां आर्यभट्ट ने गणित में शून्य की खोज कर विज्ञान की दिशा को बदल दिया। बिहार की नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों ने इसे ज्ञान की राजधानी बनाया।

स्वतंत्रता संग्राम में बिहार का योगदान

बिहार ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1917 का चंपारण सत्याग्रह यहीं से शुरू हुआ, जिसने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ पहली जनक्रांति को जन्म दिया। 1974 में जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन ने भी पूरे देश में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की लहर फैलाई।

आधुनिक बिहार: स्टार्टअप्स और तकनीक का केंद्र

वर्तमान में बिहार स्टार्टअप हब के रूप में विकसित हो रहा है। सरकार नए उद्योग, डिजिटल टेक्नोलॉजी और युवाओं को स्वरोजगार देने की दिशा में काम कर रही है। बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए नई योजनाएं लाई जा रही हैं, जिससे राज्य के विकास को नई गति मिलेगी।

चुनौतियां और समाधान

हालांकि बिहार ने प्रगति की है, फिर भी औद्योगीकरण, बेरोजगारी और बाढ़ जैसी समस्याएं अभी भी मौजूद हैं। राज्य सरकार ने बुनियादी ढांचे, स्टार्टअप्स और डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने की दिशा में कई योजनाएं शुरू की हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकें।

बिहार दिवस 2025: नए संकल्प और नई दिशा

बिहार दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह अपने इतिहास से सीखने और भविष्य को संवारने का अवसर भी है। इस अवसर पर राज्य के नेताओं और शिक्षाविदों ने आह्वान किया कि हर बिहारी अपने राज्य के विकास में योगदान दे और बिहार को शिक्षा, उद्योग और नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करें।

बिहार दिवस 2025 की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!

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