
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है। यह हमला पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया जिसमें 1 की मौत हो गई है जबकि 7 लोग घायल हुए हैं। कई सालों बाद यह देखने को मिला है कि आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया है। अभी तक आंतकी सुरक्षा बलों या फिर गैर कश्मीरी लोगों को भी निशाना बना रहे थे, लेकिन इस बार उनके निशाने पर निर्दोष पर्यटक थे। यही नहीं, धर्म के आधार हमले का खुलासा हुआ है। चश्मदीदों ने दावा किया है कि आंतकियों ने पहले नाम पूछा, जैसे ही उन्होंने हिंदू नाम सुना तो उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
हिंदू नाम सुनने के बाद गोली मारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों ने बताया कि आतंकवादियों के एक गुट ने सैलानियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। आतंकवादियों ने टूरिस्ट का नाम पूछकर अपनी हैवानियत दिखाई। घायलों और मौके पर मौजूद लोगों ने कैमरे पर बताया है कि आतंकवादियों ने पहले सैलानियों से उनका नाम पूछा और हिंदू नाम सुनने के बाद गोली मार दी।
सऊदी दौरे के बीच पीएम मोदी ने शाह से की बात
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। पीएम इस समय सऊदी अरब के राजकीय दौरे पर हैं। दौरे के बीच में उन्होंने हमले को लेकर अमित शाह से बात की है। पीएम ने शाह से हर जरूरी कदम उठाने और कश्मीर का दौरा करने के लिए भी कहा है। पीएम मोदी से बातचीत के बाद शाह ने अपने आवास पर अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई है।
इस बैठक में आईबी चीफ, गृह सचिव मौजूद हैं जबकि सीआरपीएफ डीजी, जम्मू कश्मीर डीजी, सेना के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हैं। हमले के बाद गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात भी की है।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारीअटैक के बाद फरार आतंकियों की तलाश में सेना अभियान चला रही है। इस बीच खबर है कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी कि टीआरएफ ने ली है। आतंकवादी संगठन टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। जिसमें कहा है कि गैर-स्थानीय लोगों को 85000 से ज्यादा निवास-पत्र जारी किए गए हैं, जिससे यहां जनसांख्यिकीय परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। ये गैर-स्थानीय लोग पर्यटक बनकर आते हैं, निवास-पत्र प्राप्त करते हैं और फिर ऐसा व्यवहार करने लगते हैं मानो जमीन के मालिक वे ही हैं। नतीजतन, अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वालों के खिलाफ हिंसा की जाएगी।