मीडिया की गिरती साख पर तेजस्वी यादव का हमला, बोले– TRP की दौड़ में देश की सुरक्षा को किया नजरअंदाज

KK Sagar
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देश में मीडिया की भूमिका और उसकी विश्वसनीयता को लेकर राष्ट्रीय राजनीति में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मीडिया के एक वर्ग पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि विगत दस वर्षों में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कही जाने वाली मीडिया की विश्वसनीयता में भारी गिरावट आई है।

तेजस्वी यादव ने कहा,

“दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को मीडिया को उसका कर्तव्य याद दिलाना पड़ रहा है, जो पहले खुद मीडिया का काम हुआ करता था।”

राष्ट्रीय सुरक्षा से किया समझौता?

तेजस्वी ने कुछ स्वार्थी चैनलों और पत्रकारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने TRP की लालच में राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषयों पर रिपोर्टिंग करते समय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों और नियमों की न सिर्फ अवहेलना की, बल्कि स्टूडियो में झूठे और काल्पनिक नैरेटिव बनाकर देशवासियों को गुमराह किया।

उन्होंने यह भी कहा कि

“इस तरह की रिपोर्टिंग न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि यह अनप्रोफेशनल और गैर जिम्मेदाराना भी है।”

एनिमेटेड वीडियो और ‘सूत्रों के हवाले’ से परेशानी

तेजस्वी ने कई चैनलों द्वारा एनिमेटेड वीडियो और काल्पनिक युद्ध दृश्यों के प्रसारण पर भी चिंता जताई। उन्होंने याद दिलाया कि भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय ने पहले ही संवेदनशील सैन्य जानकारियों और ‘सूत्रों के हवाले’ से जारी रिपोर्टों पर रोक लगाने का निर्देश दे रखा है।

तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ मीडिया चैनल हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों को लेकर भ्रामक एवं सनसनीखेज कवरेज के चलते आलोचनाओं के घेरे में हैं।

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