कोलकाता हाईकोर्ट ने गुरुवार को लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत प्रदान की है। पनोली को सोशल मीडिया पर एक कथित ईशनिंदात्मक और सांप्रदायिक टिप्पणी पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला सोशल मीडिया पर “ऑपरेशन सिंदूर” नामक एक विवादास्पद वीडियो से जुड़ा है, जिसमें मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक बातें कही गई थीं।
🔹 गिरफ्तारी और आरोप:
FIR दर्ज: 15 मई, 2025
गिरफ्तारी वारंट जारी: 17 मई, 2025
गिरफ्तारी स्थल: गुरुग्राम
आरोप: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित ईशनिंदात्मक टिप्पणी इंस्टाग्राम और ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करना।
🔹 पहले कोर्ट ने जमानत से किया था इनकार:
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था कि “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई जाए।” लेकिन इस बार परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अंतरिम राहत दी है।
🔹 पनोली का पक्ष:
पनोली की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डी.पी. सिंह ने कहा कि:
यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
उन्होंने वीडियो अगले ही दिन डिलीट कर दिया था और माफी भी मांगी।
भारत में ईशनिंदा कोई अपराध नहीं है।
वह एक पाकिस्तानी लड़की से हुई बातचीत के जवाब में ऐसा वीडियो पोस्ट कर बैठीं।
वह फरार नहीं थीं, बल्कि गिरफ्तारी बिना नोटिस के हुई थी।
🔹 राज्य सरकार का पक्ष:
एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने कोर्ट को बताया कि:
पनोली राज्य से बाहर थीं और पुलिस को जांच में सहयोग नहीं दिया।
उनके खिलाफ दर्ज शिकायत में सांप्रदायिक तनाव की आशंका जताई गई थी।
FIR में संज्ञेय अपराध दर्शाया गया है, इसलिए FIR दर्ज करना अनिवार्य था।
🔹 कोर्ट का फैसला:
कोर्ट ने माना कि:
पनोली के कॉलेज और निजी पते को उजागर किया गया, जिससे उन्हें धमकियाँ मिल रही हैं।
अब उनकी पुलिस कस्टडी की आवश्यकता नहीं है।
कोर्ट ने उन्हें:
एक मुचलके पर अंतरिम जमानत दी।
निर्देश दिया कि वह मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित हों और जांच में सहयोग करें।
राज्य पुलिस को सुरक्षा देने का आदेश भी दिया, यदि उन्हें खतरा हो।