शराब घोटाला केस में सिद्धार्थ सिंघानिया की गिरफ्तारी, मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में होंगे पेश

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। रांची: झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रायपुर से गिरफ्तार किया है। गुरुवार को रायपुर के लाभांडी स्थित एक सोसाइटी से गिरफ्तार किए गए सिंघानिया को ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाया गया। शुक्रवार को उन्हें रांची के सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया, जिसके बाद अब उन्हें रांची की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।

एसीबी की जांच में सिद्धार्थ सिंघानिया को इस घोटाले का प्रमुख बिचौलिया बताया गया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, सिंघानिया ने छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर झारखंड में शराब नीति में बदलाव करवाए और मैनपावर सप्लाई, शराब आपूर्ति, और होलोग्राम निर्माण के ठेके अपने करीबी लोगों को दिलवाए। छत्तीसगढ़ में सितंबर 2024 में दर्ज एक एफआईआर में भी सिंघानिया का नाम सामने आया था, जहां उनकी डायरी से झारखंड और छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार को नियंत्रित करने की साजिश का खुलासा हुआ।

झारखंड में इस घोटाले की जांच में अब तक 38 करोड़ रुपये की हेराफेरी का पता चला है, हालांकि एसीबी को शक है कि यह राशि 200 करोड़ तक हो सकती है। इस मामले में सिद्धार्थ सिंघानिया की गिरफ्तारी सातवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले एसीबी ने पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे, पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सह अभियान सुधीर कुमार, और प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन इन्नोवेटिव के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। सभी आरोपी वर्तमान में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में हैं।

एसीबी ने 12 जून को रांची की विशेष अदालत से सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल किया था, क्योंकि वह बार-बार समन के बावजूद पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे। जांच में सामने आया कि मई 2022 में लागू झारखंड की नई उत्पाद नीति में सिंघानिया की अहम भूमिका थी। उन्होंने 310 शराब दुकानों के लिए मैनपावर सप्लाई का ठेका हासिल किया था, जिसमें सुमित फैसिलिटीज, इगल हंटर सॉल्यूशंस, और एटूजेड इंफ्रा जैसी कंपनियों को सब-कॉन्ट्रैक्ट दिया गया।

इसके अलावा, जांच में फर्जी होलोग्राम, नकली शराब की आपूर्ति, और फर्जी बैंक गारंटी जैसे गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। एसीबी और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच से यह भी पता चला कि झारखंड और छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले आपस में जुड़े हुए हैं, और सिद्धार्थ सिंघानिया दोनों राज्यों में सिंडिकेट के नेटवर्क का हिस्सा थे। एसीबी सूत्रों के अनुसार, सिद्धार्थ सिंघानिया से पूछताछ में शराब नीति में बदलाव और अवैध मुनाफे से जुड़े कई और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी जांच में शामिल है, और अन्य राज्यों के कारोबारियों, जैसे गुजरात और महाराष्ट्र के सात अन्य लोगों के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। सिंघानिया की गिरफ्तारी से झारखंड और छत्तीसगढ़ में शराब माफिया के खिलाफ चल रही कार्रवाई को और बल मिलने की उम्मीद है। यह मामला न केवल झारखंड बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी शराब कारोबार के अवैध नेटवर्क को उजागर करने में अहम साबित हो सकता है।

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