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7 एई, जेई, 4 बीपीएम व डीपीएम की सैलरी पर लगी रोक, विकास कार्यों में तेज़ी लाने के निर्देश

जमशेदपुर : जमशेदपुर में आयोजित 17 विभागों के साथ समीक्षात्मक बैठक में उपायुक्त विजया जाधव ने जिले में क्रियान्वित विकास योजनाओं में प्रगति की जानकारी ली। मनरेगा योजना की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि कुछ भी करें, लेकिन हर एक गांव में 5 योजना जरूर संचालित होनी चाहिए। नाडेप, सोकपीट, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, बिरसा हरित ग्राम, बागवानी, कुंआ निर्माण जैसी उपयोगी योजनाओं को लेने पर बल देते हुए उन्होने कहा कि मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजित करने पर ज्यादा फोकस हो, ताकि ग्रामीण इलाके में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होने कहा कि मनरेगा एक बहुआयामी योजना है, इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को फायदा पहुंचाया जा सकता है। ऐसे में मनरेगा से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर और योजनाबद्ध तरीके से होना चाहिए।

मनरेगा के तहत पटमदा में 12, पोटका में 11 तथा डुमरिया में 9 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण लंबित पाये जाने पर तीनों प्रखंड के एई, जेई व बीपीएम की सैलरी पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक कार्य पूरा नहीं होता सैलरी पर रोक रहेगी, उपायुक्त ने अगले 15 दिनों में निर्माण कार्य पूरा करने का सख्त निर्देश दिए। वहीं चाकुलिया, धालभूमगढ़, पोटका, गुड़ाबांदा प्रखंड़ में कंपोस्ट पीट व नाडेप में धीमी प्रगति पर चारों प्रखंड के एई, जेई(मनरेगा व पंचायत) तथा बीपीएम पंचायत व डीपीएम पंचायत की सैलरी पर रोक के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि अगले 4 दिनों में अपेक्षित प्रगति नहीं पाई गई तो विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।

बिरसा कूप संवर्धन योजना में जिले का लक्ष्य 4000 से ज्यादा हैं। वहीं अबतक मात्र 220 योजनाओं की स्वीकृति सभी प्रखंडों से मिली है, उपायुक्त ने इसमें तेजी लाते हुए सभी बीडीओ को निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के निर्देश दिए। जेएसएलपीएस के डीपीएम को निर्देश दिया गया कि जिले का एक भी गांव ऐसा नहीं रहे जहां एसएचजी का गठन नहीं हुआ हो। साथ ही सभी एसएचजी के फंक्शनल होने की जांच कर अगले 3 दिनों में रिपोर्ट समर्पित करने का निदेश दिया गया। फूलो झानो आशीर्वाद योजना के लाभुक हड़िया दारू बेचना छोड़कर कोई दूसरा रोजगार कर रहे हैं या नहीं इसको लेकर भी सभी प्रखंडों में सर्वे कराने का निर्देश दिया गया।

जिले में 370 अंबेडकर आवास निर्माण की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि अब तक सिर्फ तीन प्रखंडों से स्वीकृति मिली है, शेष प्रखंडों को भी स्वीकृति भेजने का निदेश दिया गया। जिले के 231 पंचायतों में से 216 पंचायत भवन सरकारी हैं शेष 15 भाड़े के भवन में संचालित किए जा रहे। डीपीआरओ पंचायत ने बताया कि रेलवे से 5 स्थानों पर तथा आवास बोर्ड से 02 स्थानों पर एनओसी मिलना है, कुछ जगहों पर जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया जारी है। उपायुक्त ने पंचायत भवनों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ-साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी की समीक्षा की गई। जहां इंटरनेट नहीं है वहां तत्काल डोंगल खरीदने का निर्देश दिया गया। साथ ही सभी पंचायत भवनों में प्रज्ञा केन्द्र का संचालन अनिवार्य रूप से किए जाने का निदेश दिए। फिलहाल 208 पंचायत भवन में प्रज्ञा केन्द्र संचालित हैं। उपायुक्त ने कहा कि सभी पंचायत भवन रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से आच्छादित होने चाहिए तथा पौधारोपण भी जरूर करें।

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में 715 नए आवेदन कल्याण विभाग को प्राप्त हुए हैं। वहीं पूर्व में 866 लाभुकों को राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। उपायुक्त ने सभी बीडीओ को निदेशित किया कि लाभुकों का भौतिक जांच करें कि उन्होने काम शुरू किया या नहीं, सरकारी राशि का दुरूपयोग नहीं हो इसे सुनिश्चित करें। दिव्यांगजनों के लिए आयोजित कैम्प में 928 दिव्यांग चिन्हित हुए जिनमें 860 व्यक्ति 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग पाये गए। उपायुक्त ने सभी सुयोग्य दिव्यांगों पेंशन से आच्छादित करने तथा पेंशन भुगतान नहीं हो पाने वाले लाभुकों की सूची मांगी। कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए चलाये गए अभियान में 303 SAM बच्चे पाये गए। उपायुक्त ने उनके उपचार व वर्तमान में स्वास्थ्य की क्या स्थिति है इसकी जानकारी ली।

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