डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार रात तिरुपति में एमजीएम स्कूल के पास बैरागी पट्टेदा में मची भगदड़ के एक दिन बाद सख्त कदम उठाए हैं। घटना में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 40 अन्य घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री ने तिरुपति के एसपी, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के संयुक्त कार्यकारी अधिकारी और एक अन्य अधिकारी का तबादला कर दिया है। साथ ही, घटनास्थल पर मौजूद डीएसपी और एक अन्य अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये तथा घायलों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
भगदड़ की वजह और पुलिस कार्रवाई
यह भगदड़ वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट पाने की होड़ के दौरान हुई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर जाने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे थे। देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिरुपति पहुंचे हैं क्योंकि यह 10 दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम 10 जनवरी से शुरू हो रहा है। घटना के बाद राजस्व अधिकारियों की शिकायत पर पुलिस ने भगदड़ के मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये प्राथमिकी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 194 के तहत दर्ज की गई हैं, जो अप्राकृतिक मौतों से संबंधित है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री नायडू ने गुरुवार को घटनास्थल का दौरा किया और घायल श्रद्धालुओं से श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में मुलाकात की। उन्होंने करीब 90 मिनट तक मरीजों के साथ समय बिताया और उनकी शिकायतें सुनीं। उन्होंने कहा, तिरुपति में मची भगदड़ से मुझे बहुत दुख हुआ है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।इस बीच, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने घटना पर खेद व्यक्त करते हुए राज्य सरकार की ओर से लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेती है और घायलों के इलाज में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करती है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के लिए इस प्रकार की भगदड़ नई नहीं है, लेकिन इसे रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए थे। मुख्यमंत्री द्वारा न्यायिक जांच के आदेश और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई ने घटना की गंभीरता को रेखांकित किया है।