सरकारी सुविधाओं से वंचित है अनरवा देवी
मिरर मीडिया : केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कई सारी योजनाएँ गरीब, असहाय और जरुरतमंदो के लिए बनाई गई है पर शायद ही पूर्ण रूप से धरातल पर सभी को मिल पाता है। दृष्टि पड़ी तो संज्ञान लिया गया, कार्रवाई की गई और जो आँख से ओझल रहा वो ओझल ही रहा गया।
ऐसे ही सरकार की योजना से विमुख एक वृद्ध महिला जो कि झरिया थाना क्षेत्र के तेजन सिंह तालाब के पास स्थित भईया बस्ती खपड़ा धौड़ा की रहने वाली अनरवा देवी है जो भींख मांग कर अपना गुजारा कर रही हैं। विगत दो माह पहले गिर जाने के कारण अनरवा देवी का बाएं पैर टूट गया था। करीब दो माह से टूटे पैर के सहारे घिसक कर भीख मांगने पर विवश है। जबकि उसे देखने और लाभ देने के लिए कोई सरकारी योजना नहीं देखी गई।
अनरवा देवी ने बताती है कि दो माह से परेशान है। टूटे पैर के सहारे घिसक- घिसक कर चल रहें हैं। अगर भीख नही मांगेगे तो हम क्या खाएंगे। धनबाद पीएमसीएच अस्पताल भी गए थे,करीब दो महिना अस्पताल में रहे, लेकिन इलाज नही हो पाया। बोला खून चढ़ेगा, खून चढ़ाने के लिए हम पैसा कहा से लाएंगे। दो महीने जो भी दवा लगा सब खरीद कर लाए। पैसा के अभाव में पैर का प्लास्टर नही हो सका और वापस टूटे पैर लेकर घर लौट आए।
वहीं समाजसेवी सौरभ शर्मा ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है एक गरीब लाचार वृद्ध महिला जो अपना भरण पोषण भीख मांग कर रही है। दो महिना पहले इनका बायाँ पैर टूट गया था। अपना इलाज कराने के लिए धनबाद पीएमसीएच अस्पताल गई थी। खून चढ़ाने के लिए इनसे 4 हजार रूपए मांगा गया था। पैसे के अभाव में अपना ईलाज नही करा पाई। अनरवा देवी हर सरकारी सुविधा से वंचित है। उनका पति भी लकवा से ग्रसित है।
गरीबों और जरुतमंदों के मुफ्त इलाज का लाख दावा करने वाली सरकार असल में जितना भी गरीबों के कल्याण के लिए सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करने का दम भर ले पर वास्तविकता सामने है। बाकी सिस्टम का दोष। SNMMCH में अगर लचार, असहाय गरीबों का मुफ्त इलाज नहीं हो पा रहा है तो आखिर किसका होगा?
यहाँ जिन गरीबों का मुफ्त में इलाज होना चाहिए उनको समय से जरुरत की दवाएं तक नहीं मिल रही। इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों को मायूसी ही हाथ लगती है। जिस कारण बेबस लाचार गरीबों वही स्थिति में पुनः वापस अपने घर मायूस होकर लौट जाता है पैसे के आभाव में वो भी वैसे संस्थान में जहाँ गरीबों का मुफ्त इलाज किया जाता हो।
हालांकि वीडियो सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने ट्वीट कर धनबाद उपायुक्त को मामले में संज्ञान लेते हुए लिखा है कि माताजी की सरकारी प्रावधानों के तहत मदद करें!