चंद्रयान –3 के बाद आदित्य एल-1 मिशन को सूरज पर भेजने की इसरो ने शुरू की तैयारी

Anupam Kumar
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देश : अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर सैटेलाइट भेजकर सफलता हासिल करने के बाद अब बारी सूर्य की है। भारत आदित्य एल-1 मिशन के जरिए सूर्य की स्टडी करने वाला है।
मालूम हो कि इस प्रोजेक्ट पर करीब एक दशक से काम चल रहा है। कोविड-19 ने भले ही इस प्रोजेक्ट की रफ्तार कम कर दी थी, लेकिन अब यह मिशन अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस सैटेलाइट को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलुरु द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है।
वहीं इसरो की और से जानकरी गई कि फिलहाल, आदित्य एल-1 श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट पर मौजूद है। सब कुछ सही रहा तो सितंबर के पहले हफ्ते में सैटेलाइट की लॉन्चिंग हो सकती है। इस मिशन के बाद सूर्य के पास सैटेलाइट भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका, जर्मनी व यूरोपीय स्पेस एजेंसी सूर्य पर सैटेलाइट भेज चुके हैं।

बता दें कि आदित्य एल-1 को अंतरिक्ष में ‘लैग्रेंज पाइंट्स’ यानी एल-1 कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद यह ये सैटेलाइट सूर्य पर होने वाली गतिविधियों का 24 घंटे अध्ययन करेगा। एल-1 सैटेलाइट को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थापित किया जाएगा।
सूर्य से पृथ्वी की दूरी 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष किरण कुमार ने बताया कि सूर्य से आने वाली रेडियो विकिरणों का आब्जर्वेशन उदयपुर की सौर वेधशाला से किया जाएगा।अब सूर्य से विकिरणों के साथ आने वाले पार्टिकल्स ‘सोलर विंड’ पृथ्वी के वायुमण्डल पर अलग-अलग प्रभाव डालती होंगी, इसका अध्ययन कर फायदे और नुकसान पर शोध हो सकेंगे। नुकसानदेह सोलर विंड की जानकारी मिलते ही हम उसके समाधान भी कर सकेंगे।

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