CAA लागू होने पर झारखंड में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने दी बधाई

KK Sagar
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अमर कुमार बाउरी

CAA लागू होने पर झारखंड में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने दी बधाई

Highlights

  • अमर कुमार बाउरी ने देश में CAA लागू होने पर दी बधाई
  • वैसे सभी हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख और ईसाई भारत की नागरिकता के लिए करें आवेदन
  • मिलेगा वोट और अन्य कानूनी अधिकार
  • CAA में मुस्लिम समुदाय को पड़ोसी मुल्कों के अन्य धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान

अमर कुमार बाउरी ने देश में CAA लागू होने पर दी बधाई

झारखंड में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने देश में CAA लागू होने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को भारत सरकार ने लागू कर दिया है जिसके सन्दर्भ में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, माननीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार और समस्त देशवासियों को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने अपनी मेनिफेस्टो में कहा था कि सामाजिक और धार्मिक रूप से वैसे नागरिक जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित हो रहें है वैसे सभी हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख और ईसाई जो भारत की नागरिकता चाहते हैं वो आवेदन करें और वैसे लोग जो 2014 के पहले देश में आ गए थें देश के आजादी के बाद ही धार्मिक उत्पीड़न के कारण जिनका निर्वासन हुआ और लगातार अमानवीय स्थिति में भारत के अंदर शरणागत थें जो अबतक शरणार्थी बनकर रह रहें थें ऐसे लोगों के जीवन उत्थान के लिए संविधान की प्रदत शक्तियों का उपयोग कर इसे लागू किया।

मिलेगा वोट और अन्य कानूनी अधिकार

उन्होंने कहा कि इसमें कोविड के कारण देरी हुई है लेकिन अंततः इसे लागू कर दिया गया है। इससे उन लाखों लोगों को लाभ मिलेगा जो आजादी के बाद से शरणागत और सभी अधिकार हक से वंचित थें। इस देश में रहने के बावजूद उनके पीढ़ियों का कोई भविष्य नहीं था। ना उन्हें वोट देने का अधिकार था और ना ही उन्हें किसी प्रकार का कानूनी अधिकार ही प्राप्त था। अतः CAA लागू हो जाने से उन्हें बहुत लाभ मिलेगा ये उनलोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है।

CAA में मुस्लिम समुदाय को पड़ोसी मुल्कों के अन्य धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान

गौरतलब है कि CAA के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इसमें देश के नागरिकों के लिए कोई दिक्कत नहीं है। केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल तैयार किया गया है। तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।

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