झारखंड विधानसभा में उठा अवैध खनन का मुद्दा : सरकार को घेरते हुए विपक्ष ने की NIA से जांच की मांग
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मिरर मीडिया : NIA से जांच की मांग करते हुए भाजपा विधायक बिरंचि नारायण ने झारखंड विधानसभा में अवैध खनन का मुद्दा जोर शोर से उठाया। अवैध उत्तखनन पर उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में करीब 20 हजार करोड़ का खनन घोटाला हुआ है। जबकि पिछले तीन वर्ष में राज्य भर में अवैध पत्थर खनन और अवैध परिवहन से संबंधित हजारों मामले सामने आए हैं।
उन्होंने राज्य में अवैध खनन में अवैध विस्फोटकों के इस्तेमाल का भी जिक्र करते हुए कहा है कि खनन घोटाले में विस्फोटक का दुरुपयोग का भी मामला सामने आया है। जिसकी जांच एनआईए से होनी चाहिए।
आरोप के बाद जवाब में सत्ता पक्ष के तरफ से मंत्री बादल पत्रलेख ने जवाब देते हुए कहा कि रघुवर सरकार में 3 साल में 15784 करोड रुपए राजस्व प्राप्त हुआ था जबकि हमारी सरकार में 3 साल में 30949 करोड़ राजस्व खनन से मिला है। यानी हेमंत सरकार में रघुवर सरकार से 3 गुना ज्यादा राजस्व वसूली खनन से हुई है।
उन्होंने कहा कि जहां तक एक्सप्लोसिव के दुरुपयोग का मामला है तो यह भारत सरकार की जिम्मेदारी है। एक्सप्लोसिव एक्ट भारत सरकार से नियंत्रित होता है।
इधर भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजस्व क्या मिल रहा है यह विषय नहीं है, विषय अवैध खनन का है। उन्होंने कहा कि साहिबगंज और पलामू में कई पहाड़ गायब हो गए। उन्होंने स्पीकर से मामले की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने की मांग की। कहा कि हम लोग अब आंख में पट्टी बांधकर नहीं बैठेंगे।
इस पर जवाब देते हुए मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हेमंत है तो हिम्मत है। विपक्ष में हिम्मत है तो आप उस चिट्ठी का जवाब ले आइए जो मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री को लिखा है। जिसका अब तक जवाब नहीं आया है। उस चिट्ठी में लिखा गया है कि रेलवे के अधिकारी भी अवैध खनन में संलिप्त थे।
इधर सरयू राय ने कहा कि अवैध खनन से पर्यावरण को क्षति हो रहा है। इसे लेकर एनजीटी में दायर वाद पर एनजीटी कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार वहां अराजकता रोकने में असफल है। 15 मार्च की रिपोर्ट है। इस पर भाजपा विधायकों ने शेम शेम के नारे लगाए।