आकांक्षी जिला पूर्वी सिंहभूम: संयुक्त सचिव ने थामा कमांड, प्रोग्रेस रिव्यू में दिए गेम-चेंजिंग निर्देश

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में आकांक्षी जिला पूर्वी सिंहभूम के केंद्रीय प्रभारी सह संयुक्त सचिव, भारत सरकार महावीर प्रसाद द्वारा आकांक्षी जिला कार्यक्रम के प्रमुख सूचकांकों (इंडिकेटर्स) की गहन समीक्षा की गई। तीन दिवसीय दौरे के प्रथम दिन आयोजित इस समीक्षात्मक बैठक में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास एवं बुनियादी ढांचा से जुड़े महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स में जिला के प्रदर्शन का विस्तारपूर्वक आकलन किया गया।

बैठक में उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, एडीएम एसओआर राहुल आनंद सहित जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। संयुक्त सचिव ने विभागवार इंडिकेटर की प्रस्तुतियों को ध्यानपूर्वक सुना एवं प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन स्तर को समझते हुए आवश्यक निर्देश दिए।

बैठक के दौरान जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे कई नवोन्मेषी व जन-केंद्रित पहलों से संयुक्त सचिव को अवगत कराया गया, जिनमें प्रमुखत सबर समुदाय का ग्राउंड सर्वेक्षण जिसमें जिले में निवासरत सबर समुदाय के सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सरकारी योजनाओं के आच्छादन तथा उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए किए गए विस्तृत सर्वेक्षण की जानकारी साझा की गई।

मिशन उल्लास (मिर्गी मरीजों की मुफ्त जांच व परामर्श)- जिला प्रशासन की इस विशेष पहल के तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मिर्गी मरीजों की नि:शुल्क स्क्रीनिंग, क्लिनिकल परामर्श एवं दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

सिकुई-दिकुई अभियान (शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार व ड्रॉप आउट पर निगरानी)- स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने व विद्यार्थियों के बीच ड्रॉप आउट की समस्या को न्यूनतम करने हेतु संचालित अभियान के परिणाम प्रस्तुत किए गए। अभियान के तहत शिक्षण गुणवत्ता में सुधार, छात्र उपस्थिति सुनिश्चित करने और समुदाय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन शामिल है।

जिला प्रशासन की ओर से प्रस्तुत पहलों व जमीनी तौर पर किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए संयुक्त सचिव महावीर प्रसाद ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम में जिस प्रकार योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है और प्रशासनिक नवाचार सामने आ रहे हैं, उससे उम्मीद है कि जल्द ही यह जिला आकांक्षी जिलों की श्रेणी से बाहर आने की दिशा में बड़ी प्रगति करेगा। उन्होंने पदाधिकारियों से संवेदनशीलता व जन-सेवा की भावना के साथ कार्य करने पर बल देते हुए कहा कि योजनाओं के धरातलीय क्रियान्वयन में चुनौतियां अवश्य होती हैं, लेकिन उन चुनौतियों से ऊपर उठकर नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने पदाधिकारियों से आग्रह किया कि सरकारी योजनाओं की जानकारी लाभुकों तक पूरी आत्मीयता और जिम्मेदारी के साथ पहुंचाएं। पात्र लाभुकों को योजनाओं से जोड़ने के लिए सक्रिय पहल करें । जमीनी स्तर पर कार्य होंगे तो आंकड़े भी बेहतर होते जाएंगे।

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