डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: भारत में वर्तमान समय में 10 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह यानी शुगर से पीड़ित हैं। यह जानकारी द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी की रिपोर्ट में सामने आई है। इसके बावजूद, सवाल यह है कि देश में शुगर के मरीजों की संख्या इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है। इस संबंध में एक नई रिपोर्ट ने चौंकाने वाले तथ्य पेश किए हैं, जो बताते हैं कि हमारे खाद्य पदार्थ इस वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
खाद्य पदार्थों का शोध: शुगर के कारण
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) द्वारा किए गए एक हालिया शोध में ऐसे खाद्य पदार्थों की पहचान की गई है, जो मधुमेह को बढ़ावा देते हैं। इस अध्ययन में पता चला है कि जिन खाद्य पदार्थों में एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs) अधिक होते हैं, वे शुगर को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंसेज एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित किया गया है।
मधुमेह के फैलने में समोसा, पकौड़े का बड़ा योगदान
शोधकर्ताओं ने यह सुझाव दिया है कि तलने-भूनने और ग्रिल करने से खाद्य पदार्थों में एजीई का स्तर बढ़ता है। इसके विपरीत, उबालने या भाप में पकाने से ये हानिकारक यौगिक नियंत्रित रहते हैं। आईसीएमआर ने 38 व्यक्तियों पर 12 सप्ताह तक परीक्षण किया, जिसके परिणामों ने इन तथ्यों की पुष्टि की। बेक्ड खाद्य पदार्थ जैसे केक और कुकीज में एजीई की मात्रा अधिक होती है, जबकि चिप्स, समोसा, पकौड़े और फ्राइड चिकन में भी इसकी उच्च मात्रा पाई गई है।
एजीई का प्रभाव: स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव
एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGE) हानिकारक यौगिक होते हैं जो प्रोटीन या वसा के ग्लाइकेशन की प्रक्रिया के दौरान बनते हैं। जब खाद्य पदार्थों को तला या भुना जाता है, तो इनमें AGE का स्तर बढ़ जाता है। अध्ययन से यह भी पता चला है कि एजीई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन मोटापे को बढ़ाता है, जो शुगर का एक प्रमुख कारण है।
खराब जीवनशैली और आनुवंशिक कारक
हालांकि शुगर आनुवंशिक भी हो सकता है, लेकिन खराब जीवनशैली का योगदान भी कम नहीं है। रक्त में उच्च शर्करा के स्तर के कारण शुगर का बढ़ना सामान्य है। शोध में स्पष्ट किया गया है कि समोसे, चिप्स, केक, कुकीज और तले हुए खाद्य पदार्थ भारतीयों में मधुमेह के मामलों में तेजी लाने का काम कर रहे हैं।
स्वस्थ आहार की आवश्यकता
तैयार खाद्य पदार्थ, जैसे मार्जरीन और मेयोनीज, भी मधुमेह के जोखिम को बढ़ाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि हमें तले-भुने खाद्य पदार्थों के स्थान पर कम एजीई वाले आहार का सेवन करना चाहिए, जिसमें फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज शामिल हों। स्वस्थ आहार अपनाने से मधुमेह के मामलों में कमी लाने में मदद मिल सकती है।
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