कारू यादव के साम्राज्य को ध्वस्त करने की जुगत में जुटी पुलिस : अवैध संपत्तियों की जांच शुरू : धनबाद से लेकर बिहार तक ताबड़तोड़ कार्रवाई

KK Sagar
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झारखंड और बिहार में पुलिस ने कोयले के अवैध कारोबार से अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले कोयला खनन का किंग कारू यादव पर शिकंजा कसने की पुलिस ने बड़ी तेजी से कवायद शुरू कर दी है। झारखंड से लेकर बिहार तक छापेमारी और जांच की जा रही हैं। धनबाद, गिरिडीह और नवादा जैसे इलाकों में पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है। बता दें कि कारू यादव के पैतृक गांव नवादा तक पुलिस पहुंच चुकी है, लेकिन अब तक वह फरार है।

सात एफआईआर और भारी मात्रा में कोयला बरामद

अब तक इस मामले में सात प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। पुलिस ने छापेमारी के दौरान कारू यादव के एक संबंधी के घर से बम और धारदार हथियार बरामद किए हैं। इस संबंध में घर की महिला सदस्य रिंकू देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा, धनबाद के आकाश कोठी इलाके में कारू यादव द्वारा बनाए गए अवैध कोयला डिपो से 700 टन कोयला बरामद किया गया है, जिसे पुलिस ने हाईवा ट्रकों के जरिए जब्त किया।

संपत्तियों और नेटवर्क की हो रही जांच

कारू यादव और उसके समर्थकों की संपत्तियों की जांच की जा रही है। पुलिस बैंक खातों और जमीनों की नाप-जोख में लगी है। गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने भी जिला प्रशासन को इस अवैध कारोबार पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

अवैध खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

पुलिस और सीआईएसएफ की संयुक्त टीम ने फुलारीटांड, आशाकोठी और खटाल इलाकों में भारी मात्रा में अवैध कोयला जब्त किया है। रविवार को लगभग आठ घंटे तक जेसीबी और हाईवा के जरिए कोयले का उठाव हुआ, जिसे बीसीसीएल के साइडिंग में जमा कराया गया।

नेताओं और माफिया पर पुलिस की नजर

कारू यादव के साथ अवैध कारोबार में जुड़े सफेदपोश नेताओं की जांच भी तेज हो गई है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किन नेताओं ने इस काले साम्राज्य को फलने-फूलने दिया।

डीएसपी पर हमला और मुख्यमंत्री का कड़ा रुख

हाल ही में हिल टॉप राइजिंग आउटसोर्सिंग में हुए विवाद के दौरान डीएसपी पर हुए हमले के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले को गंभीरता से लिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद उत्तरी छोटा नागपुर रेंज के वरिष्ठ अधिकारी लगातार धनबाद में कैंप कर रहे हैं।

पुलिस की नजर संपत्तियों और बैंक खातों पर

कारू यादव और उसके सहयोगियों की संपत्तियों की जांच तेज हो गई है। पुलिस ने बताया कि इस अवैध कारोबार से जुड़े सफेदपोश नेताओं और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों की भी जांच की जा रही है। उनकी संपत्तियों का हिसाब लगाया जा रहा है और यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि इस कारोबार में कौन-कौन शामिल है।

मजदूरों का शोषण और बिहार से लाए गए मजदूर

कतरास और बाघमारा जैसे इलाकों में अवैध खनन के लिए बिहार से मजदूरों को लाया जाता था। इस काले कारोबार से जुड़े माफिया स्थानीय मजदूरों के बजाय बाहरी मजदूरों का इस्तेमाल करते थे, ताकि किसी को शक न हो।

अवैध कारोबार के राजनीतिक संरक्षण का खुलासा

पुलिस यह जांच कर रही है कि किन नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों ने कारू यादव को यह अवैध कारोबार चलाने की छूट दी। स्थानीय नेताओं से लेकर बड़े सफेदपोश नेताओं तक के नाम सामने आने की संभावना है।

अवैध खनन की राजनीति और अपराध का कनेक्शन

यह कहना गलत नहीं होगा कि कोयलांचल क्षेत्र में अवैध खनन का गहरा संबंध राजनीति और अपराध से है। इस मामले में कई नेताओं की संलिप्तता की जांच के बाद और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।

अब यह देखना होगा कि यह कार्रवाई सिर्फ दिखावा बनकर रह जाती है, या सच में कोयलांचल का काला साम्राज्य खत्म होता है।

क्या पुलिस तोड़ पाएगी काले कारोबार का जाल?

कोयलांचल क्षेत्र लंबे समय से अवैध खनन और माफिया गतिविधियों का गढ़ रहा है। हालांकि, पहली बार पुलिस का रुख इतना सख्त दिख रहा है। तीन थानेदारों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है, और कई अन्य पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस इस अभियान में कितनी सफलता हासिल करती है और क्या वह इस काले साम्राज्य को जड़ से खत्म करने में कामयाब होती है।

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