जमुई के श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम में बिहार दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ डीडीसी सुभाष चंद्र मंडल ने किया और उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि कला हमेशा जीवंत रहती है, और कलाकारों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है।
इस अवसर पर अपर समाहर्ता राम दुलार राम, डीपीआरओ वीरेंद्र कुमार, डीसीएलआर मो. तारिक रजा समेत कई प्रशासनिक अधिकारी एवं शिक्षाविद मौजूद रहे। सभी ने कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
संगीत और नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां
कार्यक्रम की शुरुआत आलोक चौबे द्वारा प्रस्तुत श्रीगणेश वंदना से हुई, जिसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति दी। इसके बाद श्यामा शैलजा झा ने अपनी मधुर आवाज में मैथिली और पारंपरिक गीतों से समां बांध दिया। उनके गाए “कजरा मोहब्बत वाला” गीत ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में शिखा कुमारी ने स्थानीय लोकगीत और झूमर की शानदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान राज्य उद्घोषक डॉ. निरंजन कुमार ने अपने शेरो-शायरी और बेहतरीन संचालन से खूब तालियां बटोरीं।
संस्कृति और परंपरा से सजी यादगार शाम
इस भव्य आयोजन ने साबित कर दिया कि बिहार की संस्कृति, लोककला और संगीत आज भी जीवंत हैं। दर्शकों का उत्साह और कलाकारों की मेहनत ने इस सांस्कृतिक संध्या को एक यादगार शाम बना दिया।