इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी साल में कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि इस साल पांच महीने में वो पांचवीं बार बिहार का दौरा करने जा रहें हैं। अपने इस दौरे में राहुल नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में हुंकार भरेंगे। इस बार उनका फोकस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अति-पिछड़ा वर्ग) के वोट बैंक पर केंद्रित दिख रहा है। राहुल गांधी 6 जून को गया और राजगीर में कार्यक्रम करेंगे।

दशरथ मांझी के परिजनों से करेंगे मुलाकात
राहुल गांधी अपने दौरे की शुरुआत गया से करेंगे। वे सबसे पहले गया एयरपोर्ट पर उतरेंगे। जानकारी के मुताबिक वहां से सीधे ‘माउंटेन मैन’ के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे दशरथ मांझी के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे। गया में ही राहुल गांधी महिलाओं के साथ संवाद करेंगे, जिसमें महिलाओं से जुड़े सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
अति-पिछड़े वर्ग से संवाद
इसके बाद राहुल गांधी राजगीर रवाना होंगे। यहां राहुल अति पिछड़ा समाज के युवाओं से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से वे अत्यंत पिछड़ा वर्ग के नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करेंगे। यह आयोजन कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है। जिसमें वह सामाजिक न्याय के मुद्दों को केंद्र में रखकर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करना चाहती है। यह कदम साफ संकेत देता है कि राहुल गांधी अति-पिछड़े वर्गों के बीच संवेदनात्मक और सामाजिक जुड़ाव बढ़ाने की कोशिश में हैं।
5 महीनों में राहुल का यह छठा बिहार दौरा
पिछले पांच महीनों में राहुल का यह छठा बिहार दौरा है, जो कांग्रेस की आक्रामक रणनीति की योजना की कहानी को बयां करता है। लेकिन सवाल यह है कि नीतीश के गढ़ में राहुल गांधी का यह पिछड़ा सम्मेलन क्या महागठबंधन की एकता को मजबूत करेगी या नई चुनौती पेश करेगा।