Bihar:सरकारी स्कूलों के सुधरने तक बच्चों के प्राइवेट स्कूल की फीस भरने का वादा, चुनाव से पहले पीके के तीन बड़े वादे

Neelam
By Neelam
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बिहार का राजनीतिक माहौल पूरी तरह से चुनावी हो चुका है। सभी राजनीतिक दलों ने जनता तक पहुंचने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। इस बीच जन सुराज अभियान के सूत्रधार और रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार चुनाव से पहले सीधे जनता से संवाद कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रशांत किशोर ने रविवार को रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित किया। एक तरफ पीके जनसभा में अपने विरोधियों पर जमकर बरसे तो दूसरी तरफ जनता से तीन बड़े वादे किए। बिहार में ही रोजगार उपलब्ध कराना, वृद्धा पेंशन में बढ़ोतरी और सरकारी स्कूलों की हालत सुधरने तक बच्चों की निजी स्कूल फीस का वहन।

करगहर के जगजीवन स्टेडियम मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने खुद को कोई नेता नहीं, बल्कि साधारण परिवार का बेटा बताया। उन्होंने कहा कि उनके पिता करगहर में डॉक्टर थे और वहीं उनका जन्म हुआ था, इसलिए यह भूमि उनके लिए पूजनीय है।

पीके के तीन बड़े वादे

जनसभा के दौरान प्रशांत किशोर ने जनता से तीन वादे किए। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार बनती है तो एक साल के भीतर बिहार से बाहर मजदूरी करने वाले लोगों को राज्य में ही 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी वाला रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं वृद्धा पेंशन में बढ़ोतरी को लेकर उन्होंने कहा कि वर्तमान में 400 रुपये की वृद्धा पेंशन को बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। शिक्षा में सुधार को लेकर कहा कि जब तक सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधरती नहीं, तब तक 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई का खर्चा सरकार वहन करेगी। 

लालू यादव और तेजस्वी पर तंज

पीके ने आगे लालू यादव की राजनीति पर भी तंज कसा और जनता से भविष्य के लिए सोच-समझकर वोट देने की अपील की। प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू यादव अपने नौवीं फेल बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की चिंता कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे लालू यादव की आलोचना नहीं कर रहे, बल्कि उन्हें एक अच्छा पिता बता रहे हैं। लालू यादव अपने नौवीं फेल बेटे को बिहार का राजा बनाने में लगे हैं, लेकिन आम लोगों को अपने मैट्रिक-इंटर पास बच्चों की फिक्र नहीं है।

अब नेताओं को नहीं, जनता को सलाह देना चाहते हैं पीके

प्रशांत किशोर ने जनता को जागरूक करते हुए कहा कि बिहार तभी बदलेगा जब लोग खुद बदलेंगे। नेताओं को जीताने से बदलाव नहीं आता, सोच बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने अब तक कई नेताओं और दलों को सलाह दी है, जिससे कई लोगों का राजनीतिक जीवन संवर गया। अब वे जनता को सलाह देना चाहते हैं ताकि उनके जीवन और उनके बच्चों का भविष्य बेहतर हो सके। 

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