बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए चयनित हुए हैं। 56 वर्षीय अशोक कुमार चौधरी का चयन बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुआ है। राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने राजनीतिक विज्ञान विभाग में 280 रिक्तियों के लिए विज्ञापन दिया था, जिनमें से 274 उम्मीदवार चुने गए हैं। अशोक कुमार चौधरी भी उनमें से एक हैं।

मेरिट सूची में स्थान
अशोक चौधरी ने पॉलिटिकल साइंस विषय में एससी कैटेगरी से चयनित होकर मेरिट सूची में स्थान पाया है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने इंटरव्यू के बाद फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। चयन शैक्षणिक प्रदर्शन, शिक्षण अनुभव, प्रकाशित कार्यों और साक्षात्कार के आधार पर किया गया था। चौधरी ने अनुसूचित जाति श्रेणी में सफलता प्राप्त की है।
क्या असिस्टेंट प्रोफेसर का पद ज्वाइन करेंगे?
अशोक चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। अब सवाल यह उठता है कि वे असिस्टेंट प्रोफेसर की भूमिका निभाएंगे या नहीं। यदि वह इस पद को ज्वाइन नहीं करते हैं, तो यह सीट पुनः रिक्त मानी जाएगी और आगे की बहाली प्रक्रिया में शामिल की जाएगी। अगर अशोक चौधरी इस पद को स्वीकार करते हैं, तो उन्हें राज्य सरकार की सेवा से इस्तीफा देना पड़ सकता है या फिर विशेष अनुमति लेनी पड़ सकती है।
जल्द ही कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर सकते हैं
परिवार के लोगों का कहना है कि अशोक चौधरी यह पद स्वीकार करेंगे और फिर अपने राजनीतिक करियर को जारी रखने के लिए छुट्टी लेंगे। परिवार का कहना है कि वे जल्द ही कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर सकते हैं और बाद में राजनीति के लिए ब्रेक ले सकते हैं।