पारसनाथ जैन धर्म तीर्थंस्थल को लेकर सालखन मुर्मू का विवादित बयान : कहा बाबरी मस्जिद की तरह ध्वस्त कर देंगे पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित जैन धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थल को
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मिरर मीडिया : पारसनाथ पहाड़ और जैन का धर्म स्थल के हक़ को लेकर विवाद रुकने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहाँ पहले पारसनाथ पहाड़ को जैन धर्म के अनुयायीयों ने अपना पवित्र धर्म तीर्थ स्थान बताया, वहीं दूसरी ओर अब आदिवासी समाज ने पारसनाथ पहाड़ी को अपना पवित्र मरांग बुरु बतलाया है।
बता दें कि इस बाबत आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने बड़ा ही विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों को नहीं माना जाएगा तो आदिवासी समाज विवश होकर जिस प्रकार राम मंदिर अभियान के लिए बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था उसी प्रकार पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित जैन धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थल को ध्वस्त कर देंगे।
पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने हेमंत सोरेन की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जैनियों के हाथों हमारे पवित्र मरांग बुरु को बेचने का काम किया है, यदि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अभिलंब इस समस्या का समाधान नहीं करती है तो बाबरी मस्जिद की तरह पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित जैन धर्मावलंबियों के मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए आदिवासी समाज मजबूर हो जाएगा।
पारसनाथ पहाड़ हमारा मरांग बुरु है और इस पर सिर्फ आदिवासी समाज का ही हक है, जैनियों का नहीं।
सालखन मुर्मू ने कहा कि जिस तरह से पारसनाथ मामले को लेकर झारखंड के आदिवासियों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा ठगने का काम किया गया है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पारसनाथ पहाड़ हमारा मरांगबुरू है, हमारे भगवान हैं और हम अपने धार्मिक आस्था प्राकृतिक आस्था और हमारे ईश्वर के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि मरांग बुरु हमारे लिए राम मंदिर से कम नहीं है, इसे लेकर 11 फरवरी को झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा सभी 5 राज्यों में एक दिवसीय रेल -रोड़ चक्का जाम कार्यक्रम किया जाएगा। अगर इसके बाद भी सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो फिर 11 अप्रैल से देशभर में उग्र आंदोलन करते हुए अनिश्चितकालीन रेल-रोड चक्का जाम देखने को मिलेगा।