डिजिटल डेस्क । धनबाद : Dhanbad झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर आयोजित एकदिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन सिविल कोर्ट धनबाद में शनिवार को धनबाद के अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धनबाद निताशा बारला, ट्रेफिक डीएसपी, रोड सेफ्टी मैनेजर, एवं डॉ दिनेश ने दीप प्रज्वलित कर किया।
Dhanbad: सड़क दुर्घटना से संबंधित जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए न्यायाधीश
इस मौके पर न्यायाधीश बारला ने कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है। पहले सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को इलाज के लिए समुचित प्रबंध करना चाहिए ना की सड़क जाम। उन्होंने कहा कि आजकल यह देखा जा रहा है कि जख्मी सड़क पर तड़प रहे हैं और लोग सड़क जाम करते रहते हैं उन्हें अस्पताल नहीं ले जाते यह स्थिति बदलनी चाहिए।पहले किसी की जान बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण है मुआवजा के लिए तो कानून बना है।
पिछली सिट पर बैठने वाले हेलमेटव बेल्नट नहीं पहना तो लगेगा जुर्माना डीएसपी
उन्होंने पुलिस पदाधिकारी को संदेश देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं किए जाने के कारण मृतकों के परिजनों को मुआवजा समय पर नहीं मिल पाता है। ट्रैफिक डीएसपी अरविंद कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि सड़क पर ट्रैफिक नियमों का पालन नही करना, नशे मे गाड़ी चलाना , हेलमेट नही पहनना , सिट बेल्ट नहीं लगाना, हेडफोन लगाकर गाडी चलाना दुर्घटना के प्रमुख कारण में देखे जाते हैं ट्रैफिक नियमों का पालन कर हम इन सब विपत्तियों से बच सकते हैं। डीएसपी ने कहा कि धनबाद ट्रेफिक पुलिस पिछली सीट पर हेलमेट लगाकर नहीं बैठने वाले व सीट बेल्ट लगाकर नहीं चलने वालों के खिलाफ भी मुहिम शुरू करने जा रही है ऐसे लोग से अब कानून के प्रावधान के तहत जुर्माना लगाया जाएगा।
जिला रोड सेफ्टी मैनेजर सुनील कुमार
किसी भी मामले को पुलिस द्वारा लंबित रखने के बजाय उस पर त्वरित कार्यवाही कर अदालत में जल्द से जल्द अंतिम प्रतिवेदन रिपोर्ट या चार्जशीट दायर कर दी जानी चाहिए ताकि मृत्तक के परिजनों को जल्द मुआवजा मिल जाए।
डॉक्टर दिनेश कुमार गिंदोरिया ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा
आए दिन तीव्र गति से असावधानीपूर्वक सड़क पर गाड़ी चलाना , हेलमेट नही पहनना दुर्घटना का मुख्य कारण के रूप मे देखा जा रहा है। अधिवक्ता विप्लव दास ने कार्यशाला को संबोधित करते कहा कि कानून के प्रावधानों के मुताबिक यदि धक्का मारने वाला गाड़ी का बीमा नहीं है तो मृतक व उसके परिजनों को उस गाड़ी के मालिक से रुपया लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कानून यह है कि जब तक जब गाड़ी का बीमा रहेगा तो बीमा कंपनी उस दावे का भुगतान करती है बीमा नहीं रहने की स्थिति में वह भुगतान का दायित्व गाड़ी के मालिक पर चला जाता है।
कार्यशाला मे विभिन्न थानों के थाना पदाधिकारी, ट्रैफिक डीएसपी अरविंद कुमार सिंह, डॉक्टर दिनेश कुमार गंडोरीया, जिला रोड सेफ्टी मैनेजर सुनील कुमार अधिवक्ता विप्लव दास समेत पारा लीगल वालंटियर, डालसा के पैनल अधिवक्ता, एलएडीसीएस के डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, सहायक सुमन पाठक ,कन्हैया लाल ठाकुर, नीरज गोयल, स्वाति कुमारी, शैलेन्द्र झा समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।
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