मिरर मीडिया : धनबाद में कोयला तस्करों की बादशाहत बरकरार है। पुलिस कोयला चोरी पर लगाम भी लगा रही हैं, बावजूद तस्कर खुलेआम अवैध खनन कर रहे है और चोरी का कोयला भट्ठे तक पहुंचाया जा रहा है। हाल ही में खनन विभाग ने दो बार कोयला तस्करी का भंडाफोड़ किया। टीम ने दस दिनों में राजगंज इलाके में दो बार छापेमारी की। पहली बार चार ट्रक जबकि दूसरी बार दो कोयला लदे ट्रक पकड़े। इस दौरान बोकारो के दुग्दा के चंदन दुबे एवं धनबाद बेकारबांध के अभय सिंह पर प्राथमिकी भी हुई है। ऐसे एक नहीं, कई सिंडिकेट हैं, जो कोयला तस्करी में जुटे हैं। यहां से कोयला बिहार और यूपी भेजा जाता है।
बता दें कि विगत सोमवार की रात करीब दो बजे राजगंज के महतो धर्मकांटा के पास खनन विभाग ने दो ट्रक पकड़े। दोनों में अवैध तरीके से करीब 90 टन कोयला लदा था। ट्रक चालक जुल्फिकार अंसारी को टीम ने पकड़ लिया जबकि दूसरा चालक भाग निकला। हालांकि इस दौरान खान निरीक्षक राहुल कुमार ने दोनों ट्रक और हिरासत में लिए गए चालक को राजगंज थाने के हवाले कर दिया। पुलिस ने दोनों ट्रकों के मालिक और चालक, गोविंदपुर के आसनबनी भितिया के रहने वाले जुल्फिकार अंसारी व दुग्दा के चंदन दुबे पर प्राथमिकी भी की है।
पकड़े गए चालक के अनुसार कोयला लेकर वह बिहार जा रहा था। इससे पहले भी तीन सितंबर को दलुडीह के एक पेट्रोल पंप के पास चार ट्रक खनन विभाग ने पकड़े थे। इनमें भी करीब 160 टन कोयला लदा था, जो चोरी का था। उनको भी राजगंज थाना की पुलिस को सौंपा गया था। उस मामले में चंदन दुबे, अभय सिंह सहित दर्जन भर पर प्राथमिकी कराई गई थी। हालांकि राजगंज थाने की पुलिस ने अब तक आरोपितों को नहीं पकड़ा है। इसलिए कोयला तस्करों का मनोबल चरम पर है। वे आराम से अपने क्रियाकलापों को अंजाम दे रहे। सूत्रों की माने तो सिंडिकेट ने इन दिनों कांको मठ के पास एक भट्ठे को लीज पर लिया है। यह भट्ठा पूर्व में एक राजनीतिक दल के दिवंगत नेता का था। इसी भट्ठे से कोयला तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है।
बहरहाल जिस तरह से खनन विभाग ने दो बार छापामारी कर छह ट्रकों को पकड़ करीब 250 टन कोयले को जब्त किया है इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात के अंधेरे में काले हीरे की चोरी धड़ल्ले से हो रही है ऐसे में जिला प्रशासन को भी संज्ञान लेकर जिले के हर क्षेत्र में सख्ती से जॉच के दायरे को बढ़ाने की जरुरत है ताकि कोयला चोरी पर अंकुश लगाया जा सके।