कोरोना को नहीं मानेगें, स्कूल तो हम खोलेंगे : सरकार के कोविड गाइडलाइन्स को ठेंगा दिखाते हुए बच्चों को बुलाकर कराया जा रहा है स्कूल का संचालन

सरकार के गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाते स्कूल : पहले छात्रों को बुलाया स्कूल, सरकारी पदाधिकारी पहुंचे तो करवा दिया हंगामा

क्या बच्चों की जान से ज्यादा जरुरी है स्कूल चलाना

मिरर मीडिया : ये सच है कि जान है तो जहान है पर शायद किसी के लिए जान से ज्यादा किमती कुछ और भी है तभी तो जान की परवाह किये बिना ही बच्चों को स्कूल बुलाया जा रहा है। आपको बता दें कि कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को लेकर जहां एक तरफ झारखंड सरकार ने एक बार फिर से विद्यालयों और शिक्षा संस्थानों को बंद करने का निर्देश अगले आदेश तक दे रखा है वहीं बावजूद इसके कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बच्चों की जान की परवाह किये ही निजी विद्यालय खोले जा रहें हैं। आपको बता दें कि निजी विद्यालय संचालकों के द्वारा तमाम नियम कानून को ताक पर रखकर नौनिहालों को स्कूल बुलाया जा रहा है और बकायदा कक्षाएं संचालित की जा रही है वहीं जब मीडिया कर्मी अथवा सरकारी पदाधिकारी जांच के लिए जा रहे हैं तो उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है।
ताजा मामला दुहा टांड इलाके की है जहां पर की सोमवार को सरकारी पदाधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे और निजी विद्यालय संचालकों ने पदाधिकारियों के सामने ही बच्चों और अभिभावकों की भारी भीड़ जमा कर हंगामा करवा दिया और स्कूल को खोलकर ऑफलाइन परीक्षाएं संचालित करने की मांग को लेकर सड़क जाम भी करवा दिया। लिहाजा पूरे मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी वरीय अधिकारी को इसकी सूचना दी गई है।

इसके इतर पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर स्कूल खोलना गलत है पूरे मामले पर जांच कर स्कूल प्रबंधन के ऊपर उचित कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले पर जिला प्रशासन ने भी गंभीरता से लिया है एसडीएम प्रेम तिवारी ने बताया कि सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर स्कूल संचालन की बात सामने आई है, प्रखंड विकास पदाधिकारी को स्कूल को सील करने के आदेश दे दिए गए हैं।

जबकि इस बाबत झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला सचिव इरफान खान ने कहा है कि सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर विद्यालय में बच्चों को बुलाना और सरकारी पदाधिकारियो  के साथ बदसलूकी करना एक शिक्षक का आचरण नहीं हो सकता। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार को स्कूल खोलने चाहिए इस बात का समर्थन हम भी करते हैं लेकिन कानून के दायरे में रहकर ही हमें अपना आंदोलन करना होगा।

बहरहाल अब इस पूरे प्रकरण पर एक बात तो साफ दिखती है कि कोरोना वायरस की इस महामारी के समय में जहां बेशकीमती जान को लोग बचाने में लगे हैं और सतर्क रहकर खुद को परिवार और समाज को सुरक्षित रखने को प्रयासरत है वहीं इन लोगों के द्वारा इस महामारी में आपदा धारा का उल्लंन करने को लेकर कब और किस तरह कार्रवाई की जाती है। वहीं अब जिला प्रशासन द्वारा इस तरह के स्कूल की मनमानी इस रवैये पर किस प्रकार अंकुश लगाती है यह तो समय बताएगा।

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Uday Kumar Pandey
Uday Kumar Pandeyhttps://mirrormedia.co.in
मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।

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