एकदिवसीय जिला स्तरीय मल्टी स्टेक होल्डर कंसल्स्टेशन कार्यक्रम में बोले न्यायधीश : 30 दिन के अंदर कोर्ट को दें दुर्घटना की सूचना अन्यथा अधिकारी पर हो सकती है कार्रवाई

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समाज के प्रति सब की जिम्मेवारी है जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य – न्यायाधीश श्री राम शर्मा

मिरर मीडिया धनबाद : झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर आयोजित एकदिवसीय जिला स्तरीय मल्टी स्टेक होल्डर कंसल्स्टेशन कार्यक्रम का उद्घाटन टाउन हॉल में रविवार को धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा उपायुक्त धनबाद संदीप सिंह, बार एसोसिएशन अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय ने दीप प्रज्वलित कर किया।

दुर्घटना के बाद समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं किए जाने के कारण नहीं मिल पाती है मृतकों के परिजनों को मुआवजा

मौके पर न्यायाधीश श्री शर्मा ने कहा कि समाज के प्रति सब की जिम्मेवारी है जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है। सड़क दुर्घटना में समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं किए जाने के कारण मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाता है। इस विषय पर पुलिस पदाधिकारियों को संदेश देते हुए जिला जज ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश  मे स्पष्ट कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले में किसी भी हालत में 30 दिन के अंदर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट कोर्ट को भेज देनी है, अन्यथा थाने के भार साधक अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है।

उन्होंने कहा कि यदि समय पर पुलिस ऐसा कर दें तो मृतक के परिजनों को तमाम मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा यह समाज के प्रति हमारा कर्तव्य है उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में केवल 6 मामलों में विभिन्न थानों द्वारा दुर्घटना सूचना रिपोर्ट दायर की गई थी । थाना प्रभारियों को कहा कि किसी भी मामले को लंबित रखने के बजाय उस पर त्वरित कार्यवाही कर अदालत में जल्द से जल्द अंतिम प्रतिवेदन रिपोर्ट या चार्जशीट  दायर कर दी जानी चाहिए ताकि लोगों को त्वरित न्याय दिया जा सके।

उपायुक्त धनबाद संदीप कुमार सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोग इतनी मजबूत नहीं होते कि वह अपने अधिकारों के लिए सक्षम तरीके से लड़ाई लड़ सके ।जिला विधिक सेवा प्राधिकार उनको स्वस्थ, सुलभ और सस्ता न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ लोगों तक पहुंचे उसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार कृत संकल्पित है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए धनबाद पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों के अधिकार की सुरक्षा में न्यायपालिका का अहम रोल है अनुसंधान में चूक के कारण कई अपराधी अपराध करके  बच जाते हैं उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों को अनुसंधान की बारीकियों के बारे में भी बताया उन्होंने कहा कि नाबालिग से दुराचार के मामले में पुलिस पदाधिकारियों का  दायित्व है कि वह चौबीस घंटे के अंदर  पीड़िता का मेडिकल जांच कराएं और उसके उम्र निर्धारण के लिए संबंधित दस्तावेज एकत्रित करें।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए बार एसोसिएशन अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय ने कहा कि जिला प्रशासन  व बार एसोसिएशन के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकार समाज के निचले स्तर तक के लोगों तक न्याय पहुंचाने का काम किया जा रहा है, उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है जो एक एक सराहनीय कदम है।

मंच संचालन अवर न्यायाधीश ऐंजोलिना जॉन व धन्यवाद ज्ञापन अवर न्यायाधीश निताशा बारला ने किया।

मौके पर लेबर जज नीरज कुमार श्रीवास्तव , जिला एवं सत्र न्यायधीश कुमार सिंह, अखिलेश कुमार ,राजकुमार मिश्रा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप , अवर न्यायाधीश राजीव त्रिपाठी , सफदर अली नायर, शिवम चौरसिया, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव, स्वेता कुमारी, एम जिया तारा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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