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श्रावण मास की शुरुआत : शिव की भक्ति में सराबोर हुए शिवभक्त : रूद्राभिषेक करने से मिलता है दोषों से छुटकारा

मिरर मीडिया : श्रावण मास की शुभ घड़ी आज 14 जुलाई से शुभारंभ हो गया है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में जो भी व्यक्ति भोलेनाथ और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि का वास होने के साथ ही उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। शिव जी को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माना जाता है। ऐसे में देवों के देव महादेव की सच्चे मन से भक्ति करने पर हर कष्ट से मुक्ति मिल जाती है।

आपको बता दें कि सावन के पहले दिन विशेष मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करना बेहद फलदायी माना जाता है।

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04.11 बजे से सुबह 04.52 तक.
अभिजीत मुहूर्त – दोप. 12.05 बजे से दोप. 12.50 तक.
विजय मुहूर्त – दोप. 02.45 बजे से दोप. 03.40 तक
गोधुलि मुहूर्त – शाम 05.55 बजे से शाम 07.15 तक

सावन के महीने में महादेव को प्रसन्न करने के लिए रूद्राभिषेक करना चाहिए. रूद्राभिषेक करने से कुंडली के सारे दोष भी खत्म हो जाते हैं। अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष, चांडाल दोष, ग्रहण दोष या पितृ दोष है तो रूद्राभिषेक करने से इन दोषों का निवारण हो जाता है। किसी भी पाप ग्रह की महादशा या अंतर दशा भी रूद्राभिषेक के माध्यम से दूर हो जाती है।

Uday Kumar Pandey
Uday Kumar Pandeyhttps://mirrormedia.co.in
मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।

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