तृणमूल की देशभक्ति रैलियां, ऑपरेशन सिंदूर के सम्मान में भाजपा की तिरंगा यात्रा को जवाब

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शानदार सफलता के बाद पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की तिरंगा यात्रा के जवाब में देशभक्ति रैलियां निकाल रही है। सोमवार को देशभक्ति रैली का तीसरा दिन है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आह्वान पर आयोजित इन रैलियों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने तिरंगा झंडे और बैनर लहराते हुए भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम की सराहना की और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। यह कदम न केवल सैनिकों के सम्मान में एकजुटता का प्रतीक है, बल्कि भाजपा की राष्ट्रवादी रणनीति को काउंटर करने की तृणमूल की सियासी चाल के रूप में भी देखा जा रहा है।

टीएमसी ने शनिवार और रविवार को दोपहर 3 से 5 बजे तक राज्य के सभी ब्लॉकों और वार्डों में रैलियां आयोजित कीं। इनमें हजारों कार्यकर्ता और आम लोग शामिल हुए, जिनमें महिला कार्यकर्ताओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। कोलकाता से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक, टीएमसी नेताओं ने सड़कों पर उतरकर सेना के प्रति समर्थन जताया।
उत्तर कोलकाता में वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने रैली का नेतृत्व किया, जहां कार्यकर्ताओं ने ‘भारत माता की जय’ और ‘इंडियन आर्मी जिंदाबाद’ के नारे लगाए।

दक्षिण कोलकाता के गार्डनरीच में मेयर और मंत्री फिरहाद हकीम ने रैली में हिस्सा लिया, जिसमें स्थानीय लोगों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
उत्तर 24 परगना के जगदल में TMC विधायक सोमनाथ श्याम के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
इन रैलियों में कार्यकर्ताओं ने तिरंगा झंडे लहराए और बैनरों के माध्यम से सेना के शौर्य को सलाम किया। साथ ही, पाकिस्तान के साथ संघर्ष में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ममता बनर्जी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि ये रैलियां न केवल सैनिकों के सम्मान के लिए हैं, बल्कि यह भी दिखाने के लिए हैं कि टीएमसी भी राष्ट्रवाद और देशभक्ति के मुद्दे पर पीछे नहीं है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह TMC की ओर से BJP के राष्ट्रवादी नैरेटिव को काउंटर करने की रणनीति है। पश्चिम बंगाल में दोनों दलों के बीच पहले से ही तीखी सियासी जंग चल रही है और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संवेदनशील मुद्दे पर दोनों पार्टियां जनता का समर्थन हासिल करने की होड़ में हैं। टीएमसी ने इन रैलियों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह सेना और देश के प्रति उतनी ही प्रतिबद्ध है, जितनी भाजपा।

ममता का सियासी संदेश
ममता बनर्जी ने इन रैलियों के लिए पहले ही कार्यकर्ताओं को एकजुट होने का आह्वान किया था। उनके नेतृत्व में सोशल मीडिया पर भी #SaluteFromBengal कैंपेन चलाया, जिसमें सेना के प्रति एकजुटता और गर्व का प्रदर्शन किया गया। ममता ने यह भी कहा कि इस समय देश को एकजुट रहने और गलत सूचनाओं से बचने की जरूरत है, जिसे BJP पर अप्रत्यक्ष निशाना माना जा रहा है। TMC नेताओं ने रैलियों में कहा, ‘हमारी सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जो पराक्रम दिखाया, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।’ साथ ही, उन्होंने BJP पर सेना के सम्मान को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया।

इन रैलियों ने पश्चिम बंगाल में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। जहां BJP अपनी तिरंगा यात्राओं के जरिए राष्ट्रवाद को केंद्र में रख रही है, वहीं TMC ने इन देशभक्ति रैलियों के माध्यम से यह साबित करने की कोशिश की है कि वह भी सेना और देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में किसी से पीछे नहीं है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियां इस मुद्दे को कैसे आगे ले जाती हैं और इसका असर बंगाल की सियासत पर क्या पड़ता है।

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