धनबाद SNMMCH में लाल कार्ड धारकों को मिलने वाली निःशुल्क सीटी स्कैन सेवा ठप : इलाज में बढ़ी गरीब मरीजों की मुश्किलें*

KK Sagar
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धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) में मणिपाल हेल्थ मैप कंपनी द्वारा लाल कार्ड धारकों को दी जाने वाली निशुल्क सीटी स्कैन सहित अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं को अचानक बंद कर दिया गया है। इस निर्णय से गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, यह सेवा शुक्रवार से ही बंद कर दी गई, और इसका मुख्य कारण 50 लाख रुपये से अधिक का बकाया भुगतान बताया जा रहा है, जो स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से पिछले तीन-चार महीनों से नहीं किया गया है।

सेवा बंद होने का कारण और असर

मणिपाल हेल्थ मैप कंपनी SNMMCH अस्पताल में एक ठेकेदार के रूप में काम कर रही थी और लाल कार्ड धारकों को निशुल्क सीटी स्कैन और अन्य सेवाएं उपलब्ध करा रही थी। आमतौर पर यह कंपनी एक सीटी स्कैन के लिए 1070 रुपये का शुल्क लेती है लिहाजा अब सेवा बंद होने से इन लोगों को निजी अस्पतालों में जाकर या अन्य जगहों पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ेगी, जो उनके लिए आर्थिक रूप से अत्यधिक कठिन है।

इस सेवा के बंद होने से न केवल सीटी स्कैन, बल्कि अन्य कई महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षणों की सुविधा से भी वंचित रह रहे हैं, जो खासकर उन गरीब मरीजों के लिए जीवन-मरण का सवाल बन सकता है, जिन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है। एक तरफ जहां आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को यह निशुल्क सेवाएं अत्यंत सहायक सिद्ध होती थीं, वहीं अब उनके पास उपचार के अन्य महंगे विकल्पों पर जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।

मरीजों की समस्याएं और उनकी प्रतिक्रियाएं

अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके परिजन इस सेवा के बंद होने से बेहद परेशान हैं। अस्पताल में इलाज के लिए आए एक मरीज के परिजन ने कहा, “हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि हम बाहर जाकर सीटी स्कैन करवा सकें। अगर यहां निशुल्क सेवा मिल जाती, तो हमारे मरीज का इलाज तुरंत हो पाता।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और अगली संभावनाएं

अस्पताल प्रशासन और मणिपाल हेल्थ मैप कंपनी ने इस विषय पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने संकेत दिए हैं कि कंपनी बकाया राशि के भुगतान की उम्मीद कर रही है, जिसके बाद ही सेवा पुनः शुरू हो सकती है। लेकिन इसके लिए कोई ठोस समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, और इस अस्थायी समाधान के इंतजार में गरीब मरीजों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।

संभावित प्रभाव और मरीजों की उम्मीदें

यदि बकाया राशि का भुगतान शीघ्र नहीं किया गया तो इस स्थिति का असर और भी गंभीर हो सकता है। खासकर उन मरीजों पर जिनके पास निजी अस्पतालों का खर्च वहन करने की क्षमता नहीं है। इसके अलावा, आपात स्थिति में किसी मरीज को समय पर सीटी स्कैन जैसी सुविधा न मिल पाना उसकी स्वास्थ्य स्थिति को और बिगाड़ सकता है। मरीज और उनके परिजन चाहते हैं कि सरकार इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और जल्द से जल्द बकाया राशि का भुगतान किया जाए ताकि सेवा बहाल हो सके और गरीबों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

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