आतंकियों के हाथों में कैसे पहुंचीं अमेरिका में बनीं खतरनाक M4 राइफल, क्या पाकिस्तान कनेक्शन?

Neelam
By Neelam
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आ चुका हो। पहलगाम में हुए हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का शक है। जांच में पता चला है कि हमले में 5-6 आतंकवादी शामिल थे। इनमें कुछ पाकिस्तानी थे, जो मुख्य हमलावर थे। इसके अलावा, कम से कम दो लोकल लोग भी थे। इनमें अनंतनाग का आदिल ठोकर और अवंतीपोरा का आसिफ शेख शामिल हैं। हालांकि, पाकिस्तान ने इस हमले से खुद को अलग बताया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि उनके देश का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। जांच से खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने अमेरिका में बने M4 कारबाइन असॉल्ट राइफल्स और AK-47 का इस्तेमाल किया। जिससे लोगों को सीधे सिर में गोली मारी गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

आतंकियों तक कौन पहुंचा रहा अमेरिका का खतरनाक हथियार?

आतंकियो के हाथों में अमेरिकी हथियार का देखा जाना पहली बार नहीं है। पहले भी आतंकवादियों के पास से M4 राइफल मिल चुका है। हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के पास से अमेरिकी निर्मित M4 असॉल्ट राइफलों की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। टेररिस्टों द्वारा अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल कई सवालों को जन्म दे रहा है। सबसे बड़ा सवाल है-आखिर ये हथियार आतंकियों तक कैसे पहुंचे?

पाकिस्तान कर रहा आतंकियों के साथ सौदेबाजी?

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका से कई सैन्य हथियार खरीदे हैं, जिनमें M4 कारबाइन भी शामिल है। संदेह जताया जा रहा है कि पाकिस्तान इन हथियारों को आतंकी संगठनों, जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा, को सप्लाई कर रहा है। M4 कारबाइन एक अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल है, जो मुख्य रूप से अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाती है।

M4 राइफलों की मौजूदगी ने बदला हमलों का पैटर्न

जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ महीनों में हुए आतंकी हमलों में M4 राइफलों के इस्तेमाल ने रक्षा एक्सपर्ट और सुरक्षाबलों का ध्यान खींचा है। पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों से कश्मीर में M4 कार्बाइन गन लगातार बरामद हो रही हैं। साल 2017 में पहली बार एम 4 असॉल्ट राइफल को जम्मू कश्मीर में बरामद किया गया था। इस दौरान जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के भतीजे को सेना ने पुलवामा में मार गिराया था। इस दौरान सेना ने इस हथियार को घटनास्थल बरामद किया गया था। वहीं साल 2018 में पुलवामा से सेना ने दूसरी बार एम 3 कार्बाइन असॉल्ट राइफल को जब्त किया था, जह मसूद अजहर के ही दूसरे भतीजे को सेना ने एनकाउंटर में मार गिराया। बता दें कि 9 जुलाई को रीयासी में हुए आतंकी हमले में और कठुआ में 8 जुलाई को हुए आतंकी हमले में इसी राइफल का इस्तेमाल किया गया था।

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