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धनबाद: झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (जेएससीपीसीआर) की अध्यक्ष काजल यादव और धनबाद के हाउसिंग कालोनी में रहने वाले सदस्य सुनील कुमार वर्मा को पदमुक्त किया गया।
समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर सोमवार को आदेश जारी कर दोनों को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया गया। उनके विरुद्ध यह कार्रवाई चार सदस्यीय जांच कमेटी की अनुशंसा पर की गई।
मालूम हो कि 28 नवंबर 2022 को झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष काजल यादव के साथ छह सदस्यों का भी चयन हुआ था। इस बीच अध्यक्ष काजल यादव और सदस्य सुनील कुमार वर्मा के विरुद्ध पद का दुरुपयोग करने समेत अन्य कई शिकायतें विभाग को मिली।
शिकायत के आधार पर पिछले सात 18 अगस्त को अध्यक्ष व सदस्य से स्पष्टीकरण की मांग की गई। उनसे मिले स्पष्टीकरण की समीक्षा के क्रम में संतोषजनक नहीं पाया गया। आयोग में पदस्थापित व प्रतिनियुक्त कर्मी व सदस्यों ने भी अध्यक्ष व सदस्य सुनील के विरुद्ध मनोनुकूल काम करने का दबाव देने और प्रतिनयुक्ति रद करने की धमकी देने समेत अन्य आरोप लगाए गए।
वहीं ,मामले की जांच के लिए पिछले वर्ष 12 दिसंबर को चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। जांच कमेटी ने शिकायतकर्ताओं का मौखिक और विर सह महिल लिखित पक्ष लिया था। 27 दिसंबर को जांच कमेटी ने विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपी जिसमें अध्यक्ष और सदस्य के विरुद्ध समुचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों के विरुद्ध कार्रवाई की गई।
बता दें कि आयोग के सदस्य सुनील कुमार वर्मा पर अपनी स्वयंसेवी संस्था शुभ दृष्टि के माध्यम से फर्जीवाड़ा करने, तथ्यों को छिपाकर सदस्य के पद पर नियुक्त होने और अवैध रूप से निजी वाहन का प्रयोग बैनर और बोर्ड लगाकर सरकारी वाहन के रूप में करने के आरोप लगे थे। साथ ही अध्यक्ष व सुनील दोनों के विरुद्ध स्वयं के महिमा मंडन और प्राचार के लिए बच्चों संग रेलवे पटरी पर फोटो-वीडियो शूट कर इटरनेट मीडिया में शेयर करने, प्रतिष्ठित विद्यालयों में बच्चों के नामांकन के लिए अनावश्यक दबाव बनाने, अनावश्यक रूप से विद्यालयों का निरीक्षण कर प्रबंधन पर धौंस जमाने के भी आरोप लगे थे।