एमआर अभियान के तहत स्कूलों में चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान : WHO के डॉक्टर ने अभिभावकों के बीच मिजिल्स रूबेला के बारे में दी जानकारी
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जिला स्वास्थ्य समिति ने एमआर अभियान के तहत स्कूलों में चलाया जागरूकता अभियान
मिरर मीडिया : जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में पैरेंट्स टीचर मीटिंग कराकर एमआर अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु जागरूक किया जा रहा है। इसके तहत आज गोविंदपुर स्थित क्रेडो वर्ल्ड स्कूल में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के डॉक्टर अमित कुमार तिवारी ने अभिभावकों के बीच मिजिल्स रूबेला के बारे में जानकारी दी । उन्होंने अभिभावकों से अपील की की अपने बच्चों अवश्य एमआर का टीका लगवाएं।

इस दौरान शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मिना सिंह ने अभिभावकों को बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है। यह वायरस द्वारा फैलता है। इसके कारण बच्चों में दिव्यांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। वहीं रूबैला भी एक संक्रामक रोग है। यह भी वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे होते हैं। यह लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है जो उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
जिला टीकाकरण पदाधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने इस वर्ष मिजिल्स रूबेला के उन्मूलन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। यह अभियान अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में शुरू होगा। जिसमें 9 महीने से लेकर 15 साल तक के जिले के लगभग आठ लाख से अधिक बच्चों का एमआर टीकाकरण निर्धारित है।
डॉ अमित ने बताया कि खसरा रूबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। बच्चों को यह टीका एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाया जाएगा।
इस दौरान अभिभावकों ने टीकाकरण को लेकर डॉक्टरों की टीम से कई सवाल किए। डॉक्टरों ने उनके सवाल के जवाब दिए। जिसके बाद अभिभावकों ने सुनिश्चित किया कि वे अपने बच्चों को टीका अवश्य लगाएंगे।
बैठक में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के डॉक्टर अमित कुमार तिवारी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मिना सिंह, स्कूल की प्राचार्या शर्मिला सिन्हा, टीकाकरण पदाधिकारी, सभी शिक्षक समेत अभिभावक मौजूद रहे।