बच्चों के रेस्क्यू का अनोखा सफल प्रयोग : रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी, एनजीओ व दूतावास ने मिलकर 409 बच्चों को किया रेस्क्यू : धनबाद के दो सहित पूरे झारखंड के 18 बच्चे शामिल
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धनबाद के दो सहित पूरे झारखंड के 18 बच्चों का किया गया रेस्क्यू : नई दिल्ली स्टेशन में चलें इस ऑपरेशन में धनबाद सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन भी हुए शामिल
देश में पहली बार राजधानी में शुरू हुआ नया प्रयोग : सबसे अधिक बिहार के 216 बच्चे हुए बरामद
38 लड़की समेत 409 बच्चों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया
नेपाल की 6 और बांग्लादेश की 1 बच्चा हुआ रेस्क्यू
मिरर मीडिया धनबाद : बच्चों को रेस्क्यू करने की खास मुहिम का आज समापन हुआ। बता दें कि नई दिल्ली स्टेशन पर बच्चों को रेस्क्यू करने की खास मुहिम में आज कुल 409 बच्चे रेस्क्यू किए गए जिसमें 38 बच्चियां शामिल हैं। वहीं धनबाद से दो सहित पूरे झारखंड के 18 बच्चे रेस्क्यू किए गए।

यह मुहिम भारत में एक नए प्रयोग के रूप में देखी जा रही है, जो दिल्ली स्टेशन में शुरू हुई। खास बात यह है कि इस नए प्रयोग में धनबाद सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी भी शामिल हुए। इस अभियान में धनबाद के दो बच्चे भी बरामद हुए हैं।
धनबाद सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी फिलहाल दिल्ली में ही हैं। धनबाद से जुड़े दो मामलों को लेकर वे वहां केंद्र सरकार के विभागों से संपर्क में हैं। उन्होंने कहा दिल्ली स्टेशन में सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष वरुण पाठक की देखरेख में जो नया प्रयोग शुरू हुआ, बच्चों के हित में पूरी
दुनिया में यह शायद पहला व अनोखा प्रयोग है। एकसाथ रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी, सक्रिय एनजीओ, दूतावास सभी ने मिलकर अभियान चलाया और कुल 409 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। झारखंड से 18 बच्चे यहां नेट में आए जिसमें धनबाद के दो हैं। सबसे अधिक बिहार के 216 हैं।

श्री मुखर्जी ने बताया कि कुछ 16 प्लेटफार्म में अलग अलग टीमें लगी हुई थीं। सीडब्ल्यूसी 9 की टीम 24 घंटे वहां कैंप कर रही थी ताकि केयर एंड प्रोटेक्शन पर स्पॉट पर निर्णय हो। दिल्ली सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष वरुण पाठक व रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने धनबाद अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी के सहयोग की प्रशंसा की है।

श्री मुखर्जी ने कहा पूरे देश से चाहे आर्थिक तंगी के कारण हो या कलह या ट्रैफिकिंग अधिकांश राष्ट्रीय राजधानी ही पहुंचते हैं। धनबाद सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने दिल्ली में बाल कल्याण से जुड़े सभी अधिकारियों से बातचीत की तथा कामकाज के तरीके को भी देखा। श्री मुखर्जी ने कहा आर्थिक मजबूरी ने बच्चों को रिस्क पर खड़ा कर दिया है। परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ना व बच्चों की पहुंच स्कूल तक कराना बहुत जरूरी है।