नया आयकर बिल 2024: टैक्स नियमों की भाषा होगी सरल, धारा 80C को बदला गया

KK Sagar
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी को लोकसभा में नया आयकर विधेयक, 2024 पेश किया। यह बिल फिलहाल चयन समिति के पास विचाराधीन है और कानून बनने में कुछ समय लगेगा। हालाँकि, इसमें प्रस्तावित प्रावधान पहले ही करदाताओं के बीच चर्चा का विषय बन चुके हैं।

क्या है नया बदलाव?

नए आयकर बिल में इनकम टैक्स स्लैब या कैपिटल गेन्स टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स से जुड़े नियमों को सरल और स्पष्ट बनाना है ताकि आम नागरिक इसे आसानी से समझ और लागू कर सके।

हालांकि, इस बिल में एक बड़ा बदलाव धारा 80C से संबंधित है। पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) के तहत करदाता धारा 80C के माध्यम से 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट प्राप्त कर सकते थे। इसमें इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), टैक्स-सेवर डिपॉजिट और जीवन बीमा प्रीमियम जैसे निवेश शामिल हैं।

अब धारा 80C को बदलकर धारा 123 कर दिया गया है। नए प्रावधान के तहत, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) और व्यक्तिगत करदाता टैक्स बचत योजनाओं पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं।

नए आयकर बिल की खास बातें:

622 पन्नों के इस नए बिल में कुल 536 धाराएँ शामिल हैं।

वर्तमान आयकर अधिनियम (1961) में 298 धाराएँ और 823 पन्ने हैं।

धारा 80C, 80D, 80E आदि को री-नंबर किया गया है, जिससे धाराओं की संख्या 500 से अधिक हो सकती है।

अप्रासंगिक हो चुकी धाराओं को हटाकर टैक्स नियमों को सरल और व्यवस्थित बनाया गया है।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

टैक्सआराम.कॉम के संस्थापक मयंक मोहंका के अनुसार, “धारा 123, मौजूदा धारा 80C का ही आधुनिक संस्करण है, जिसे शेड्यूल XV के साथ पढ़ना जरूरी होगा।”

वहीं, टैक्स कंपास के संस्थापक अजय रोट्टी का कहना है कि “इस नए बिल का उद्देश्य टैक्स कानूनों को सरल बनाना है। री-नंबरिंग की वजह से धाराओं की संख्या बढ़ी है, लेकिन समग्र रूप से यह करदाताओं के लिए फायदेमंद रहेगा।”

क्या बदलेगा करदाताओं के लिए?

नया आयकर विधेयक जटिल कर प्रावधानों को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का उद्देश्य सरल, स्पष्ट और पारदर्शी कर प्रणाली लागू करना है। हालांकि, इस बिल को कानून बनने में अभी समय लगेगा, लेकिन इसके प्रावधानों ने करदाताओं का ध्यान आकर्षित कर लिया है।

(यह लेख वित्तीय विशेषज्ञों की राय और सरकारी दस्तावेजों पर आधारित है। कर सलाह के लिए अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।)

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