मिरर मीडिया : झरिया के घनुडीह गांधी चबूतरा के पास बने गोफ़ की कोख में समाए 40 वर्षीय परमेश्वर चौहान को काफी जद्दोजहद के बाद रेसक्यू कर निकाला गया। बता दें कि शनिवार को रांची से एनडीआरएफ की 15 सदस्यीय टीम इंस्पेक्टर राहुल कुमार सिंह के नेतृत्व में धनबाद के धनुडीह पहुंची।
वहीं लगभग 11 बजे बस्ताकोला माइंस रेस्क्यू के सुपरिटेंडेंट प्रमोद रंजन मुखर्जी भी टीम के साथ पहुंचे व गोफ से निकल रही गैस व आसपास का टेम्प्रेचर नापा। 11 बजे शव निकलने का कार्य प्रारंभ हुआ और 12:30 बजे शव को निकालने में सफलता मिली।
जानकारी के अनुसार गोफ से निकल रही गैस में मीथेन की मात्रा अधिक थी। एनडीआरएफ की टीम ने रस्सी व लोहे की सरिया की मदद से दो घंटे की मशक्कत के बाद शव का कुछ हिस्सा गोफ से बाहर निकाला। वहीं बता दें कि गोफ से जहरीली गैस रिसाव के कारण बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम ने हाथ खड़े कर दिए थे।
खबर के अनुसार जहां पर बॉडी गिरी हुई थी वहां का टेम्प्रेचर 160 प्लस के आसपास मापा गया। जहां शव पड़ा था, वह बिल्कुल ट्रेन्चनुमा था और वहां से धुआं वगैरह निकलने के कारण वहां की विजिबिलिटी भी काफी कम थी।
वहीं टीम ने काफी इम्प्रोवाइज तरीके से लोहे के सरिया का एंगेल बनाकर रस्सी के सहारे फंसा कर शव निकाला। हालांकि शव का कुछ हिस्सा ही बच सका है। अधिकांश हिस्सा गल चुका था।
गौरतलब है कि शुक्रवार कोयला चुनने के दौरान
40 वर्षीय परमेश्वर चौहान इसकी चपेट में आ गए और गोफ़ की दरार में गिर गए जिससे उनकी मौत हो गई थी। बता दें कि पूरा इलाका अग्निप्रभावित व भू धंसान वाला क्षेत्र है। आए दिन इस तरह की घटनाएं होना आम बात है जबकि इस घटना के बाद बीसीसीएल और जिला प्रशासन के खिलाफ लोगों में आक्रोश देखा गया।
वहीं सूत्रों कि माने तो मृतक के परिवार को भी आवास आवंटित है लेकिन वे लोग दूसरी जगह पर रह रहे हैं। हालांकि सरकारी नियम के मुताबिक उसके परिजनों को मुआवजा मिलेगा।