वीमेंस विवि में वोकेशनल के नये कोर्स होंगे शुरू, नामांकन के लिए बढ़ेगी सीटें, सेवानिवृत्त शिक्षक व कर्मचारियों की होगी नियुक्ति

जमशेदपुर : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. (डॉ.) अंजिला गुप्ता की अध्यक्षता में एकेडमिक काउंसिल की पहली बैठक बुधवार को सम्पन्न हुई। बैठक की शुरुआत कुलपति ने माता सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ की।

कुलसचिव डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने स्वागत संबोधन किया। कुलपति ने सभी सदस्यों को यूनिवर्सिटी में एकेडमिक काउंसिल के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में विद्वत परिषद की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विश्वविद्यालय के एकेडमिक विकास का रोड मैप यहीं तैयार होता है। हमारे आज के लिये गये निर्णय से विश्वविद्यालय का स्वरूप मजबूती से आकार लेता चला जाएगा।

वोकेशनल के नये व रोजगारपरक सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स होंगे शुरू

कुलपति ने कहा कि जमशेदपुर और कोल्हान की छात्राओं के लिए वोकेशनल के नये कोर्स बहुत उपयोगी होंगे। शाॅर्ट टर्म के सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स से न केवल छात्राएं स्किल्ड बनेंगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी रोजगार के लिए भी तैयार हो सकेंगी। एएनएम का कोर्स यहां की छात्राओं के लिए बेहतरीन साबित होगा। इसके अलावा साइबर लॉ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, गिटार, कत्थक, टिसू कल्चर टेक्नोलॉजी, एप्लाइड फ़ूड, माइक्रोबायोलॉजी, सेरीकल्चर, मशरूम कल्चर टेक्नोलॉजी, फोरेंसिक साइंस, डिजिटल मार्केटिंग, इवेंट मैनेजमेंट, जीएसटी और होटल मैनेजमेंट जैसे रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने का निर्णय लेते हुए उन्होंने बताया कि इन कोर्स के अनुसार विभिन्न संकायों के अंतर्गत सम्बंधित डीन इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे। वोकेशनल कोर्स को उच्चस्तरीय बनाने के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराये जाएंगे। इस निर्णय को माननीय कुलपति ने पदभार संभालने के साथ ही आधुनिक और रोजगारपरक कोर्स चलाने का विजन रखा था। इस तरह के कोर्स की आज ज्यादा मांग है। रोजगार की संभावना भी इसमें ज्यादा है।

पीएचडी/एमफिल के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2016 को अपनाने के साथ यूनिवर्सिटी में रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (जेडब्ल्यूयूआरईटी) शुरू करने का भी निर्णय हुआ। पहले से नामांकित पीएचडी/एमफिल स्कॉलर्स को यूनिवर्सिटी के अंर्तगत एब्जाॅर्ब करने का भी निर्णय लिया गया।

विद्वत परिषद के बाह्य विशेषज्ञ सदस्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय ख्याति के शिक्षाविद हुए नामित
विद्वत परिषद में बाह्य विशेषज्ञ सदस्य के रूप में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात के माननीय कुलपति प्रो. आर.एस. दूबे व नीपा, नई दिल्ली में मैनेजमेंट के प्रोफेसर व विभिन्न राज्य पब्लिक सर्विस कमीशन के पूर्व अध्यक्ष तथा संघ लोक सेवा आयोग के भूतपूर्व अध्यक्ष माननीय प्रो. पी.के. जोशी को शामिल किया गया। कुलपति ने कहा कि ऐसे ख्यात शिक्षाविदों के बहुमूल्य परामर्श से विश्वविद्यालय को एकेडमिक एक्सीलेंस पर पहुंचाने में सहयोग मिलेगा।

वहीं विभिन्न विभागों व समितियों के निर्णयों की संपुष्टि की गई
बैठक में विभिन्न विभागों की पाठ्यक्रम समितियों, आईक्यूएसी, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की कोर कमेटी, विभिन्न अधिकरियों और कार्यालयों द्वारा पूर्व में पारित प्रस्तावों की संपुष्टि की गई। कुलपति के निर्देशन में नई शिक्षा नीति पर तैयार चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम
को अनुमोदित किया गया। पीजी के एलओसीएफ पर आधारित पहले से चल रहे पाठ्यक्रम को यूनिवर्सिटी के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।

नामांकन के लिए सीट बढ़ोत्तरी के निर्णय की संपुष्टि
छात्राओं के बीच वीमेंस यूनिवर्सिटी में नामांकन की इच्छा और विभिन्न छात्र संगठनों के ज्ञापन को संज्ञान में लेते हुए कुलपति के निर्देश पर यूजी के विभिन्न विषयों में सीट बढ़ाने के निर्णय को अनुमोदित किया गया। विशेष रूप से भूगोल, अंग्रेजी, इतिहास, जंतुविज्ञान में सीट बढ़ाने की बात हुई। जंतुविज्ञान में छात्राओं की संख्या ज्यादा होने के कारण दो शिफ्ट में क्लास चलाने पर निर्णय लिया गया।

सेवानिवृत्त शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारीगण की होगी नियुक्ति
विभिन्न विषयों में छात्राओं की संख्या को देखते हुए सेवानिवृत्त शिक्षकगण को निश्चित मानदेय पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। साथ ही शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग के शिक्षकों को उनके विषय के अनुसार यूजी के क्लासेज देने का निर्णय हुआ।

नियुक्त होंगे स्पोर्ट्स टीचर्स
बैठक के दौरान दो स्पोर्ट्स टीचर्स को नियुक्त करने पर सहमति बनी जो स्पोर्ट्स अथाॅरिटी ऑफ इंडिया से ट्रेंड होंगे। एक कल्चरल सोसाइटी बनाने का भी निर्णय हुआ जो डिबेट, डांस, म्यूजिक, फोटोग्राफी आदि में छात्राओं के प्रदर्शन और प्रोत्साहन पर कार्य करेंगी। वहीं कई अन्य अहम निर्णय भी लिए गए। बैठक में रजिस्ट्रार, डीएसडब्ल्यू, सभी फैकल्टीज के डीन, एग्जाम कंट्रोलर, सीवीसी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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