डीसी की पहल पर पावड़ा पहाड़ पर बसे मानू सबर के परिवार तक पहुंचा प्रशासन, 07 लोगों का नया आधार बनाने के लिए किया गया पंजीकरण, राशन, पेंशन व अन्य योजनाओं का लाभ देने की भी प्रक्रिया शुरू
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जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में निवासरत सबर परिवरों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले, उनका सामाजिक व आर्थिक स्तर में सुधार हो तथा उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके इस दिशा में पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन द्वारा डीसी विजया जाधव के कुशल नेतृत्व में लगातार प्रयास किया जा रहा है। राशन, पेंशन, आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी हो, शिक्षा या आजीविका के साधनों से जोड़ना हो, जिला प्रशासन का प्रयास है कि सबर परिवार भी योजनाओं का लाभ लेने के साथ साथ जिले के अन्य निवासियों की तरह ही सरकार, समाज का एक अभिन्न अंग बनें। डीसी, पूर्वी सिंहभूम के इन्ही संवेदनशील प्रयासों का ताजा उदाहरण गुड़ाबांदा प्रखंड के मानू सबर के मामले में देखने को मिला। जहां डीसी द्वारा संज्ञान लेने के बाद तत्काल प्रखंड प्रशासन पावड़ा पहाड़ पहुंचा तथा वहां रह रहे मानू सबर के पूरे परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

डीसी से प्राप्त निर्देश के आलोक में गुड़ाबांदा बीडीओ 9 फरवरी को जब प्रखंड की टीम के साथ पावड़ा पहाड़ पहुंची तो मानू सबर का परिवार जंगल की ओर चला गया था, सिर्फ मानू के पिता बुजुर्ग लाल सबर मिले जिनसे पूछताछ के बाद प्रखंड की टीम भी जंगल जाकर 2 घंटे के प्रयास के बाद लोगों को गांव लाई। इसके बाद पूरे परिवार को पहाड़ के नीचे बने गुड़ांबादा पंचायत भवन लाया गया। जहां नया आधार बनाने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी की गई। मानू सबर का 7 लोगों के परिवार में बुजुर्ग माता-पिता के अलावा मानू सबर दंपति, मानू सबर की बहन व 2 बच्चे(एक बेटा, एक बेटी) हैं। बीडीओ गुड़ाबंदा ने कहा कि 10-15 दिनों में आधार नंबर मिल जाने के बाद राशन कार्ड, बुजुर्गो व महिलाओं का पेंशन, बिरसा आवास तथा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ देने की भी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बीडीओ ने बताया कि पूर्व में भी उनके द्वारा इस परिवार के बीच कंबल, साड़ी का वितरण किया गया तथा पहाड़ के नीचे बने पंचायत भवन में आकर आधार पंजीकरण को लेकर प्रोत्साहित किया गया था। हालांकि वे नहीं आए जिसके बाद उपायुक्त के निर्देश पर 9 फरवरी को यह प्रकिया पूरी की गई है। परिवार को आकस्मिक खाद्य योजना से 10 किलो खाद्यान्न व अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराई गई है। मानू सबर के परिवार में 4 लोग पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए योग्य पाये गए हैं, वहीं दोनों बच्चों का नामांकन आंगनबाड़ी केन्द्र में कराया गया है।

जिले में निवासरत 5259 सबर परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के उद्देश्य से जून 2022-अगस्त 2022 तक आयोजित पहला चरण के 90 कैम्प में कुल 7522 आवेदन जिला प्रशासन को प्राप्त हुए। 1 से 13 फरवरी तक आयोजित किए जा रहे दूसरे चरण में अब तक 12 कैम्प आयोजित किए जा चुके हैं। जिनमें गुड़ाबांदा प्रखंड में 01, चाकुलिया 01, डुमरिया 02, धालभूमगढ़ 02, पटमदा 02, बहरागोड़ा 01, बोड़ाम 02, मुसाबनी में 01 कैम्प शामिल है। अबतक प्राप्त 1568 आवोदनों में से स्वास्थ्य जांच एवं दवा वितरण 723, पेंशन का 51, बिरसा आवास 72 (नया निर्माण- 41, जर्जर- 31), नियोजनालय में निबंधन हेतु 07, पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र 01, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना 04, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना 06, आधार सीडिंग 116, आधार में सुधार 20, नया आधार 62, जॉब कार्ड 28, शौचालय निर्माण के 32, आयुष्मान कार्ड 84, राशन कार्ड संबंधी 78, नया बैंक खाता 35, धान अधिप्राप्ति के लिए 18, मुख्यमंत्री आदिम जनजाति पेंशन 24, वन अधिकार पट्टा 03, मुख्यमंत्री सुकन्य योजना 01, स्प्रे मशीन 02, बकरा विकास योजना 05, मवेशी को दवा 100, एनएससी वितरण 26, स्ट्रीट लाईट अधिष्ठापन 08 आवेदन तथा सभी सबर बच्चों का वजन, लंबाई व बाहू माप कैम्प में किया गया।
डीसी पूर्वी सिंहभूम ने सबर परिवारों के लिए चलाये जा रहे इस मुहिम को लेकर कहा कि सबर जनजाति के बारे में एक सामान्य धारणा है कि वे मुख्यधारा से जुड़ना ही नहीं चाहते। कई मौकों पर जिला प्रशासन के प्रयासों के दौरान भी देखने को मिला है कि घर-घर जाकर प्रत्साहित किए जाने के बावजूद वे नजदीकी पंचायत भवन आधार कार्ड बनाने या राशन लेने डीलर तक नहीं आते। ऐसे में राशन की समस्या को खत्म करने के लिए घर-घर जाकर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना डाकिया योजना के तहत खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं आधार बनाने के लिए अब प्रखंड प्रशासन द्वारा वाहन उपलब्ध कराते हुए आधार केन्द्र लाया जा रहा। जिला प्रशासन सबर परिवारों के समग्र विकास की दिशा में प्रयत्नशील है, योजनाओं का लाभ देने के साथ-साथ उनके छोटे बच्चों का आंगनबाड़ी में नामांकन हो या आवासीय विद्यालय में नामांकन, सभी जगह प्राथमिकता दी जा रही है। ताकि वे भी एक सामान्य जीवन जीएं, पढ़े तथा आगे बढ़ें व देश के विकास में सबर जनजाति के युवा भी अपना बहुमूल्य योगदान दें।